एलएसी (LAC) पर भारत चीन के बीच भले ही तनाव कम होने लगा हो, मगर चीन की चालबाजी से भारत भाली भांति रूबरू है और अपनी रणनीति पर काम कर रहा है। चीन से सटे लद्दाख के इलाकों में भारत सड़कों के निर्माण में तेजी लाने की तैयारी कर चुका है। मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने लद्दाख सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढाचों से जुड़ी निर्माणाधीन विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
इस बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर कहा कि ‘सीमा सड़क संगठन की जारी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की एक बैठक में समीक्षा की गई। बीआरओ सराहनीय कार्य कर रहा है। सीमावर्ती क्षेत्रों में रणनीतिक सड़कों, पुलों सुरंगों के निर्माण में तेजी लाई जाएगी और बीआरओ इस लक्ष्य के लिए दृढ़ता से काम कर रहा है।
गौरतलब है कि सीमावर्ती इलाकों में सभी निर्माण का जिम्मा बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) पर है। मंगलवार को बैठक में रक्षा मंत्री ने बीआरओ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सभी प्रोजक्ट के रिव्यू लिए निर्माण कार्य में तेजी लाने की बात कही। बैठक में एलएसी के अलावा एलओसी पर भी निर्माण कार्यों का रिव्यू किया गया। बता दें कि भारत चीन बॉर्डर के पास ही कई दर्जन पुलों का निर्माण कर रहा है और एलएसी के पास सामरिक पुल सड़कें बनाने का काम भी युद्ध स्तर पर चल रहा है।
भारत के इन्हीं सड़क निर्माणों से चीन परेशान है। चीन ने गलवान घाटी में जो धोखे से भारत की पीठ में खंजर घोपने का कार्य किया, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, यही उसकी बौखलाहट की असली वजह थी। भारत दौलत बेग तक सड़क नेटवर्क को मजबूत करने में लगा है, जिससे चीन को यह डर सता रहा है कि इससे कहीं उसके वन बेल्ट प्रोजेक्ट पर अड़ंगा न लग जाए। क्योंकि तब भारतीय फौज बड़ी ही आसानी से यहां तक पहुंच सकती है।