अल्मोड़ा में मुख्य बाजार निवासी कुंजिका वर्मा के द्वारा कुमाऊं की कला को संवारने का कार्य जारी है। जिसमें कुंजिका ऐपन के अलावा राखियां भी घर में ही बना रही है। उनका कहना है कि उनकी राखियां ऑनलाइन बिक रही हैं और उन्होंने इसके लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सएप पर ग्रुप्स और पेज बना के वहीं ऑनलाइन ऑर्डर के माध्यम से बेच रही हैं। उनकी राखियों में आप अपना नाम और फोटो भी लगवा सकते हैं आगे वह बताती है कि उनके द्वारा बनाई गई राखियों की कीमत 15 से 60 रुपए तक की है। इसके अलावा कुंजिका चाबी के छल्ले, ऐपन और पेंटिंग्स बनाकर भी ऑनलाइन बेचती हैं। उनका फेसबुक पर कुंजिका आर्ट्स के नाम से पेज है। जिसके माध्यम से वो अपने द्वारा बनाई गई सामग्रियों का प्रचार प्रसार करती हैं। राखियां बनाने के लिए वह प्लास्टिक की बोतल और वेस्ट कार्डबोर्ड का इस्तेमाल करती हैं।और वो इस कार्य को 3 साल से कर रही हैं। कुंजिका ने अल्मोड़ा के एसएसजे कैंपस से कला विषय से एम ए किया है। कोरोना महामारी के दौर वह घर से ही कार्य कर रही हैं और अन्य युवाओं को भी प्रेरित कर रही हैं। उनका कहना है की युवा इस कार्य को स्वरोजगार के रूप में भी अपना सकते हैं और चाइना से आने वाली राखियां ना खरीद कर खुद से राखियां निर्मित कर सही मायनों में देश को आत्मनिर्भर बना सकते हैं और स्वयं भी आत्मनिर्भर बन सकते हैं।