सिस्टम से तंग आकर महिला कांस्टेबल सुनीता यादव ने दिया इस्तीफा

गुजरात के सूरत शहर में एक महिला कांस्टेबल ने मंत्री के बेटे से मिली धमकी के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। गुजरात में मंत्री पुत्र प्रकाश कानानी और महिला कांस्टेबल सुनीता यादव के बीच विवाद तब हुआ जब महिला कांस्टेबल ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री कुमार कनानी के बेटे प्रकाश और उसके दोस्तों को नाइट कर्फ्यू का पालन नहीं करने और मास्क नहीं पहनने पर चेक प्वाइंट पर रोक दिया और उनसे पूछताछ की। इस दौरान मंत्री के बेटे ने कांस्टेबल को धमकी दी।
सूरत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते प्रशासन ने रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया हुआ है। इसके अलावा प्रशासन ने हीरा और टेक्‍सटाइल बाजार तक बंद करा दिए हैं। लेकिन जब पुलिस इस कर्फ्यू का सख्ती से पालन करा रही है तो मंत्री पुत्र ही इसमें उलझन पैदा कर रहे हैं।
सहायक पुलिस आयुक्त पीएल चौधरी ने कहा कि महिला कांस्टेबल और मंत्री के बेटे के बीच हुई बहस की एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस क्लिप में सुना जा सकता है कि मंत्री पुत्र अपनी राजनीतिक पैठ को लेकर महिला कांस्टेबल को धमका रहा है।
उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद सुनीता ने अपने शीर्ष अधिकारियों से बातचीत की। जहां अधिकारियों ने मामले को रफा दफा करने और घटनास्थल से जाने को कहा। इस घटना से महिला कांस्टेबल खासा निराश हो गई और उसने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि जब ऑडियो क्लिप के बारे में सूरत के पुलिस कमिश्नर आर बी ब्रह्मभट्ट को पता चला तो उन्होंने एसीपी सीके पटेल से मामले की जांच करने को कहा। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
ऑडियो क्लिप में युवक को कहते सुना जा सकता है कि उसकी पहुंच इतनी है कि वह उसे यहीं पर 365 दिनों के लिए खड़ा करवा सकता है। इस पर महिला कांस्टेबल कहती है कि वह उसकी दासी या उसके पिता की सेवक नहीं है कि वे 365 दिनों के लिए यहीं पर उसे तैनात करवा दें।मंत्री कुमार कनानी ने दावा किया है कि उनका बेटा कोरोना वायरस का इलाज करा रहे अपने ससुर को देखने सिविल अस्पताल जा रहा था क्योंकि उनकी हालत नाजुक थी, उसी बीच कांस्टेबल ने उसे रोका। मंत्री ने आगे कहा कि बेटे ने जाने देने का अनुरोध किया। तो कांस्टेबल ने दलील दी कि वाहन पर विधायक क्यों लिखा है। तब उसने कहा कि यह उसके पिता का वाहन है। फिर महिला कांस्टेबल ने सवाल किया कि वह मेरी गाड़ी में क्यों है। मैं मानता हूं कि उन्हें यह समझने की कोशिश करनी चाहिए थी कि मेरा बेटा क्या कह रहा है। मैं मानता हूं कि दोनों पक्षों को एक दूसरे को समझना चाहिए था।इस घटना के बाद सुनीता ने इस्‍तीफा सौंप दिया है। बताया जा रहा है कि प्रकाश और उसके साथियों ने महिलाकर्मी को धमकाया और दुर्व्‍यवहार किया और इसी से व्यथित होकर महिला पुलिसकर्मी ने इस्तीफा दिया।

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