राजस्थान में मंगलवार को एक नया सियासती रंग देखने को मिला है।सचिन पायलट को कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री पद से हटा दिया है।साथ ही पायलट को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ऐलान किया कि, सचिन पायलट की जगह राजस्थान सरकार में वर्तमान शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होंगे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर शाम साढ़े सात बजे राज्य मंत्रीमंडल की बैठक होगी।इसके बाद आठ बजे से काउंसिल ऑफ़ मिनिस्टर्स की बैठक होगी।इससे पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी के मंसूबे पूरे नहीं होंगे। बीजेपी छह महीने सरकार गिराने की साजिश कर रही थी।
अशोक गहलोत ने कहा, “मजबूरी में आकर हमने अपने तीन साथियों को हटाया है. हमने किसी की शिकायत नहीं की। खुशी किसी को नहीं है, कांग्रेस हाईकमान को भी खुशी नहीं है।”
इसके साथ ही पार्टी ने विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पद से हटा दिया है।
इससे पहले राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने मंगलवार को एक बार फिर से उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भाग लेने का आग्रह किया था।
पांडे ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं सचिन पायलट और उनके सभी साथी विधायकों से अपील करता हूं कि, वे आज की विधायक दल की बैठक में शामिल हों।कांग्रेस की विचारधारा और मूल्यों में अपना विश्वास जताते हुए कृपया अपनी उपस्थिति निश्चित करें व श्रीमती सोनिया गांधी जी व श्री राहुल गांधी जी के हाथ मजबूत करें।’
इसके बावजूद सचिन पायलट समेत उनके कैंप के तमाम विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद से ही, कयास लगाए जा रहे थे कि, पार्टी सचिन पायलट पर बड़ी कार्रवाई कर सकती है। वहीं, सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उपस्थित 102 विधायकों ने सर्वसम्मति से मांग की थी कि, सचिन पायलट को पार्टी से हटा दिया जाना चाहिए।
उप मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने ट्वीट किया है, “सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं।”
उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के युवा नेता जितिन प्रसाद ने इस पूरे प्रकरण को दुखद बताते हुए ट्वीट किया है, “सचिन पायलट मेरे दोस्त हैं।वे इतने सालों से पार्टी के लिए निष्ठा से काम कर रहे थे, ये तथ्य कोई नहीं उनसे छीन सकता।उम्मीद है कि स्थिति अभी भी संभल सकती है लेकिन यहां तक पहुंचना दुखद है।”
साथ ही सचिन पायलट के समर्थक माने जा रहे विश्वेंद्र सिंह को भी मंत्री पद से हटाया गया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा, “मैं बोलता हूं तो इल्ज़ाम है बग़ावत का, मैं चुप रहूं तो बड़ी बेबसी सी होती है..!!”