लद्दाख के गलवान घाटी इलाके में पेट्रोलिंग पाइंट 14 पर हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत चीन की एक गहरी और सोची समझी साजिश का हिस्सा रही है। और यह चाइना कि विस्तारवादी नीति का हिस्सा है। यह चीनी सैनिकों को इस क्षेत्र में तैनात करने और दक्षिण एशियाई देशों के इलाकों पर दावा करने की एक कोशिश थी। यह खुलासा यूएस न्यूज और वर्ल्ड रिपोर्ट को प्राप्त हुए कुछ पत्र में हुआ है।
यूएस न्यूज के राष्ट्रीय सुरक्षा संवाददाता पॉल डी. शिंकमैन ने लद्दाख में सेनाओं के बीच पिछले माह हुई हिंसक झड़पों पर भारत सरकार की सोच के बारे में जानकारी देने वाले दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा है कि भारत लद्दाख में हुई ताजा मुठभेड़ को चीन की साम्राज्यवादी विचारधारा से जोड़कर देखता है।
चीन आमतौर पर विस्तारवाद के लिए प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाई से बचता है, लेकिन कई देशों की संप्रभुता और अर्थव्यवस्थाओं को भेदने या कमजोर करने के लिए जोर-जबरदस्ती वाली कूटनीति का समर्थन करता है। शिंकमैन ने कहा कि दस्तावेज, कुछ विश्लेषकों के बयान और शोध पर आधारित है। यह दस्तावेज उन अमेरिकी आशंकाओं के बीच आया है, जिसमें चीन के दक्षिण सागर और हांगकांग समेत अपनी सीमा के अन्य हिस्सों में क्षेत्रीय दावों के खिलाफ कोरोना महामारी से पनपे वैश्विक संकट के बीच इस्तेमाल किया जा रहा है।