बिट्टू कर्नाटक ने आवासीय विश्वविद्यालय को यथावत रखने के संबंध में आज जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

 

आवासीय विश्वविद्यालय को यथावत् रखे जाने के सम्बन्ध में आज बिट्टू कर्नाटक ने जिला अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। उन्होंने इस ज्ञापन में लेखा की बड़े हर्ष का विषय है कि एस0एस0जे0 परिसर, अल्मोड़ा को विश्वविद्यालय का दर्जा देकर आपने लम्बे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया, जिसके लिये अल्मोड़ा की जनता आपका आभार प्रकट करती हैं। यह मांग अनेक वर्षो सेे चली आ रही थी जिसे आपके द्वारा पूर्ण किया गया ।
उन्होंने आगे कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा अल्मोड़ा में आवासीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी थी। जिसका मुख्य उद्देश्य इसे जे0एन0यू0 की तर्ज पर विकसित कर पर्वतीय क्षेत्रों के युवाओं/छात्रों को रोजगारपरक विषयों का अध्ययन कराना था । जिससे युवाओें को अपनी पढ़ाई पूरी कर बेरोजगारी के लिये दर-दर न भटकना पडे । इसी सोच को दृष्टिगत रखते हुये इसे स्वीकृत कर किराये के भवन में संचालित किया गया ताकि भविष्य में भवन निर्माण कर विधिवत् इसका संचालन किया जा सके । किन्तु बडे खेद का विषय है कि जिस विश्वविद्यालय को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की तर्ज पर चलाया जाना था आज उसके अस्तित्व को हीे समाप्त कर दिया गया है। आगे उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सरकारों का आना जाना लगा रहता है किन्तु यह बडे दुर्भाग्य की बात है कि इस नवसृजित राज्य उत्तराखण्ड़ में पूर्व की सरकारों /मुख्यमंत्रियों के जनप्रिय निर्णयों को समाप्त करने में सरकारों की पूरी ताकत लगी रहती है। जिसका परिणाम यह है कि आज भी उत्तराखण्ड़ राज्य हर क्षेत्र में संघर्ष करता नजर आ रहा है । यह कितना उचित निर्णय होता कि यदि आपके द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के इस निर्णय को यथावत रखते हुये और मजबूती प्रदान करते हुये इस आवासीय विश्वविद्यालय को तत्काल मूलभूत आवश्यक सुविधायें /संरचनायें उपलब्ध कराने के साथ ही इसे उत्कृष्ठ स्वरूप प्रदान कर इस पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं को अपनी सरकार द्वारा उपहार स्वरूप कुछ नये विषयों के साथ जनता को समर्पित करते। किन्तु राजनैतिक द्वेष व दुर्भावनाओं के कारण आज उत्तराखण्ड में वर्तमान की सरकार द्वारा पूर्व की जनकल्याणकारी योजनाअेां को बन्द करने की परम्परा सी चल पडी है। जिसका दुष्परिणाम यह हो रहा है कि यहां के युवाओं को आज रोजगार के लिये दर-दर भटकना पड रहा है ।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि जहां एक ओर केन्द्र सरकार जे0एन0यू0 को समाप्त करने की साजिश कर रही है वहीं उससे एक कदम और आगे राज्य सरकार द्वारा नवसृजित आवासीय विश्वविद्यालय को समाप्त करने के निर्णय को उन्होंने एक दुर्भाग्य पूर्ण कदम बताया। और कहा कि जिस प्रकार से अल्मोडा में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यलय की स्थापना की गयी जो सराहनीय कदम है उसी तरह से अल्मोडा के आवासीय विश्वविद्यालय को भी यथावत् रखते हुये इसे और विकसित करने की मांग की। जिससे पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं को स्वरोजगार हेतु इस विश्वविद्यालय से स्वरोजगार परक विषयों पर अध्ययन कर सकें । ताकि यह आवासीय विश्वविद्यालय जे0एन0यू0की तर्ज पर विकसित कर स्थानीय युवाओं को सही मार्ग देने में सक्षम हो सके।

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