29 जुलाई को पांच राफेल फाइटर जेट की पहली खेप फ्रांस से अंबाला आ रही है।अब एक और हथियार भारतीय सेनाओं के बेड़े में शामिल होने वाला है।
अमेरिका से अगले साल चार सर्विलांस एयरक्राफ्ट की पहली खेप भारत आएगी। P-8I एयरक्राफ्ट लंबी दूरी का एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट है जो सर्विलांस और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग जैसी क्षमताओं से लैस है। इनके शामिल होने से हिंद महासागर में इंडियन नेवी की ताकत में दोगुना इजाफा होगा।
इन एयरक्राफ्ट को बोइंग कंपनी बनाती है और इन्हें नेवी के बेड़़े में शामिल किया जाएगा ताकि हिंद महासागर पर नजर रखी जा सके। हिंद महासागर वह क्षेत्र है जहां अक्सर चीन की घुसपैठ करने की खबरें आती रहती हैं।
सूत्रों के मुताबिक भारत के पास छह और एयरक्राफ्ट खरीदने का विकल्प भी है और इस पर साल 2021 में बोइंग के साथ वार्ता होगी। इस एयरक्राफ्ट को P-8A पोसायडन भी कहते हैं और इंडियन नेवी के लिए जो वर्जन तैयार हुआ है वह P-8I है। इसमें I का मतलब India है। यह एयरक्राफ्ट हारपून ब्लॉक II एयर लॉन्च मिसाइल की क्षमता और हल्के टॉरपीडो से लैस है।
इसके अलावा यह एक बार में 129 सोनार सिस्टम को कैरी कर सकता है जो समुद्र के गहरे पानी में पनडुब्बी का पता लगाने में सक्षम हैं। साथ ही जरूरत पड़ने पर यह एंटी-शिप मिसाइल के साथ भी दुश्मन पर हमला बोल सकता है। इसे भले ही महासागर पर निगरानी के लिए डिजाइन किया गया हो लेकिन यह लद्दाख जैसी मुश्किल जगहों पर भी अपने मिशन को पूरी तरह से जरूरत पड़ने पर अंजाम दे सकता है। साल 2017 में डोकलाम में चीन के साथ टकराव के दौरान सेना पूरी तरह से सर्विलासं एयरक्राफ्ट पर निर्भर थी। इसकी अधिकतम रेंज 2,000 किलोमीटर है और यह प्रति घंटे 789 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।