भारत के समर्थन में अमेरिकी संसद में प्रस्ताव पारित, कहा कोरोना के बहाने भारत की जमीन कब्जाने की फिराक में चीन

 

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम में संशोधन को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है।इस संशोधन में गलवान घाटी में भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता और दक्षिण चीन सागर जैसे विवादित क्षेत्रों में तथा आसपास में चीन की बढ़ती क्षेत्रीय दादागिरी पर निशाना साधा है। भारतीय अमेरिकी सांसद एमी बेरा के साथ मिलकर स्टीव शैबेट ने एनडीएए संशोधन सोमवार को पेश किया। इसमें कहा गया है कि भारत और चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास तनाव को कम करने के लिए काम करना चाहिए।
भारत और चीन की सेना के बीच गलवान घाटी और पूर्वी लद्दाख के कुछ अन्य हिस्सों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कई इलाकों में पांच मई से गतिरोध जारी है। गलवान घाटी में पिछले महीने हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति और ज्यादा बिगड़ गई थी जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। प्रतिनिधि सभा ने अन्य संशोधनों के साथ इस संशोधन को भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया है जिसमें कहा गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा, दक्षिण चीन सागर, सेनकाकु द्वीप जैसे विवादित क्षेत्रों में चीन का विस्तार और आक्रामकता गहरी चिंता का विषय हैं।
द्विपक्षीयसंशोधन में भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता पर विरोध जताया है और चीन की बढ़ती दादागिरी के प्रति अपनी चिंता जाहिर की है। इसमें कहा गया है कि चाइना ने कोरोना वायरस की तरफ ध्यान बंटा कर भारत के क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश के साथ ही दक्षिण चीन सागर में अपना दावा मजबूत करने की कोशिश की है। चीन 13 लाख वर्ग मील दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे इलाके को अपना ही क्षेत्र बताता है। चीन इस क्षेत्र में सैन्य अड्डे बना रहा है। इस क्षेत्र पर ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपीन, ताइवान और वियतनाम भी अपना दावा पेश करते हैं।

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