अल्मोड़ा! तेन्दुओं का बसासत क्षेत्रों में मिलना चिंताजनक है। विगत वर्षों से तेन्दुओं ने जानमाल को नुकसान पहुंचाया है। जंगलों में कभी कभार दिखने वाले गुलदार अब शहर, नगर, कस्बों की गली-मोहल्लों और बसासत भरे इलाकों में धमक रहे हैं। जिससे जनमानस में भय का माहौल व्याप्त है। विगत दिनों सोमेश्वर तहसील के समीप ग्राम पंचायत मझेड़ा के तोक धुराफाट के खेतों में ग्रामीणों ने तेंदुए को पड़ा देखा। घायल अवस्था में यह गुलदार खेत में मिलने से लोगों में दहशत और रोमांच दोनों ही देखा गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के आला अफसरों को दी। जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। घायल तेंदुए को तीन घंटे की मशक्कत के बाद पकड़ा गया। जिसको वन विभाग के कर्मी पिंजडे में कैद कर अल्मोड़ा स्थित रेस्क्यू सेंटर ले आए।
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने वन विभाग को गांव में गुलदार के एक खेत में होने की सूचना दी। सूचना देने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जहां वह घायल तेंदुआ जोर जोर से गुर्राने लगा था। लगभग तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुए को वन विभाग के भुवन लाल टम्टा ने टेंकुलाइज किया और पूरी टीम ने उसे पकड़कर पिंजडे में कैद किया। वन दारोगा भुवन लाल ने बताया कि पकड़ा गया नर तेंदुआ दस साल का है। जो घायल अवस्था में खेत में पड़ा हुआ था। जिसकी उम्र करीब 12 वर्ष और लंबाई 8 फिट थी। उसके शरीर में कोई खुला घाव नहीं था। वन विभाग की टीम में रेंजर विशन लाल आर्य, डिप्टी रेंजर चन्द्र शेखर भट्ट, मनीष कुमार, भवान रावत, मनोज कैरा, देवेंद्र सिंह और नंदन शामिल थे। गुलदार को अल्मोड़ा के एनटीडी स्थित रेस्क्यू सेंटर में लाया गया है, जहां पर उसका उपचार किया जा रहा है।