प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर का शिलान्यास करने वाले हैं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन किया जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि ने पुणे में कहा कि शिलान्यास समारोह में 150 आमंत्रितों सहित 200 से अधिक लोग शामिल नहीं होने वाले हैं।
स्वामी गोविंद देव गिरि ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला के दर्शन करेंगे। साथ ही हनुमान गढ़ी मंदिर में हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने का कार्यक्रम भी है। उन्होंने बताया कि शिलान्यास समारोह में अलग-अलग राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
अनुष्ठान तीन अगस्त से शुरू होगा और 5 अगस्त को ‘भूमि पूजन’ के साथ ही समाप्त होगा। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि स्थल पर तीन दिवसीय वैदिक अनुष्ठानों के लिए वृद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि दिग्गज बीजेपी नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और राम जन्मभूमि आंदोलन के अन्य नेताओं को भी समारोह में आमंत्रित किया जाएगा। मंदिर के निर्माण की देखरेख के लिए केंद्र की ओर से बनाए गए ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और विनय कटियार को भी आमंत्रित किया जाएगा।
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष व मणिराम छावनी के पीठाधीश्वर महंत नृत्यगोपालदास ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मंदिर की आधारशिला रखवाने के लिए 40 किलो चांदी की शिला बनवाई है। वे 5 अगस्त को मंदिर की अधारशिला रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल से ही उनके अयोध्या आगमन की प्रतीक्षा हो रही है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा,प्रधानमंत्री के लिए शिलान्यास समारोह की समय सीमा हिंदू कैलेंडर के अनुसार तय की गई है। पांच अगस्त को सबसे शुभ समय (12.15 बजे) है। ‘भूमिपूजन’ के लिए वैदिक अनुष्ठान भगवान गणेश को अर्पित की जाने वाली विशेष पूजा से शुरू होगा। हिंदू अनुष्ठानों के अनुसार, हर शुभ समारोह भगवान गणेश को प्रसाद के साथ शुरू होता है। अगले दिन, पुजारी रामचार्य पूजा करेंगे और अंतिम दिन 5 अगस्त को एक और भूमिपूजन ‘किया जाएगा।