कोरोना वायरस महामारी के बीच भारत दूसरे मुल्कों की हर संभव सहायता करने में जुटा हुआ है। फिर वह चाहे दुश्मन देश के करीबी मित्र ही क्यों न हों। भारत ने अब नॉर्थ कोरिया को 10 लाख डॉलर की मेडिकल मदद दी है। भारत ने ये मदद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन से मिले अनुरोध के बाद की है। विदेश मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। यह भारत की दरिरादिली को दर्शाता है। मालूम हो कि नॉर्थ कोरिया चाइना का करीबी दोस्त है।
मंत्रालय ने कहा कि भारत, उत्तर कोरिया में मेडिकल उपकरणों/सामग्रियों की कमी और वहां के हालात के प्रति संवेदनशील है और उसने टीबी की दवा के रूप में 10 लाख डॉलर की मानवीय सहायता प्रदान करने का फैसला किया है।
मंत्रालय ने कहा कि यह सहायता उत्तर कोरिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चलाए जा रहे क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत की गई है। दवाओं की खेप उत्तर कोरिया में भारत के राजदूत अतुल मल्हारी ने WHO के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में देश के अधिकारियों को सौंप दी है।
खुद से जुड़ी चीजों को सीक्रेट रखने में सबसे आगे रहने वाला देश नॉर्थ कोरिया अब तक दावा करता रहा है कि उसके यहां कोरोना वायरस का एक भी सिंगल मामला नहीं है। पर उसके द्वारा किए जा रहे दावे पर पूरी तरह यकीन करना मुश्किल है। बता दें कि, पिछले दिनों ही खबर आई थी कि वहां मास्क नहीं पहनने पर तीन महीने की मजदूरी की सजा दी जा रही है। भारत के द्वारा उत्तरी कोरिया को की गई मदद से चीन को जरूर सदमा लगा होगा, भारत और उत्तरी कोरिया की बढ़ती नजदीकियां चाइना के लिए चिंता की बात जरूर होगी