अंबाला एयरबेस का 3 किमी. दायरा हुआ नो ड्रोन जोन घोषित जनिए क्या है वजह

रिपोर्ट – किरन जोशी

नई दिल्ली. फ्रांस से 7 हजार किलोमीटर का सफर तयकर भारत पहुंच रहे 5 राफेल फाइटर जेट 29 जुलाई को भारती वायु सेना में शामिल होंगे। राफेल के भारत में आने की तैयारी जोरों पर हैं। इन फाइटर जेट को अंबाला एयरबेस में रखने की तैयारी की गई है। राफेल के स्वागत के लिए अभी से अंबाला एयरबेस को तैयार किया जा रहा है। अंबाला एयरबेस पर राफेल के पहुंचने के पहले ही सुरक्षा इंतजामों को और बेहतर बनाया जा रहा है। एयरबेस के तीन किलोमीटर के दायरे में ड्रोन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है।
भारतीय दूतावास ने प्रेस रिलीज में बताया गया कि 10 एयरक्राफ्ट नियत समय के हिसाब से तैयार हैं, जिनमें से 5 एयरक्रफ्ट को ट्रेनिंग के लिए फ्रांस में ही रखा गया है। जबकि 5 राफेल को भारत भेजा जा रहा है। यही नहीं भारतीय वायुसेना के अगले बैच के पायलटों, ग्राउंड स्टाफ, मेंटिनेंस की ट्रेनिंग भी फ्रांस में होगी जो कि नौ महीने तक चलेगी। भारत पहुंच रहे इन 5 विमानों में दो ट्रेनर एयरक्राफ्ट हैं और तीन लड़ाकू विमान हैं. 2021 के अंत तक सभी 36 राफेल की डिलीवरी हो जाएगी।
अंबाला छावनी के डीएसपी राम कुमार ने बताया कि राफेल का अंबाला में एयरबेस में तैनात होना हमारे लिए गर्व की बात है। हमने अभी से राफेल की सुरक्षा के ​लिए कई नियम तैयार कर दिए हैं। अगर कोई भी इन नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।बता दें कि राफेल को अंबाला में तैनात करने के पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि चीन की सीमा से अंबाला एयरबेस की दूरी मात्र 300 किलोमीटर है। गौरतलब है कि साल 2016 में भारत और फ्रांस के बीच हुए 36 राफेल फाइटर जेट के करार के बाद 5 राफेल अब 2020 मे भारत की जमीन पर क़दम रखने जा रहे हैं।

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