नई दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति-2019 को हरी झंडी दे दी है। यह 1986 की शिक्षा नीति की जगह में होगी। इसके साथ ही देश की शिक्षा व्यवस्था में भी कई बड़े बदलाव करके उन्हें लागू किया जाएगा। नई शिक्षा नीति में शिक्षा का अधिकार कानून के दायरे को व्यापक रूप दिया गया है। अब शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के अंदर 3 साल से 18 वर्ष के बच्चों को लाया जाएगा।
नई शिक्षा नीति में मुख्य10 बड़ी बातें शामिल की गई है-
1) नई शिक्षा नीति में शिक्षा का अधिकार कानून के दायरे को व्यापक रूप दिया गया है। जिसमें 3 साल से 18 वर्ष के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून-2009 के अंदर लाया जाएगा।
2) कला, संगीत, शिल्प, खेल, योग, सामुदायिक सेवा जैसे सभी विषयों को कोर्स में ही शामिल किया जाएगा। यह पाठ्यक्रम से बाहर नहीं माने जाएंगे।
3) नई शिक्षा नीति बच्चों में जीवन जीने के जरूरी कौशल और जरूरी क्षमताओं को विकसित किए जाने पर जोर देती है।
4) अब उच्च शैक्षणिक संस्थानों में विश्वस्तरीय अनुसंधान और उच्च गुणवत्तापूर्ण की पढ़ाई पर पूरा जोर दिया गया है।
5) अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में भी बदलाव किए जाएगें। जिसमें कोर्स के दौरान कक्षा से निकलने या प्रवेश करने के कई विकल्प दिए जाएंगे।
6) पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान पद्धतियों को शामिल करने, ‘राष्ट्रीय शिक्षा आयोग’ का गठन करने और प्राइवेट स्कूलों को मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने से रोकने की सिफारिश की गई है।
7) आयोग ने शिक्षकों के प्रशिक्षण में सुधार के लिए और सभी शिक्षा कार्यक्रमों को विश्वविद्यालयों या कॉलेजों के स्तर पर शामिल करने की सिफारिश की है।
8) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 को तेज़ी से बदलते समाज की ज़रूरतों के आधार पर भारतीय लोगों, उनकी परम्पराओं,संस्कृतियों और भाषाओँ की विविधता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
9) शिक्षा प्रणाली में बदलाव करते हुए उच्च गुणवत्ता और व्यापक शिक्षा सभी वर्ग तक पहुँचे जिसके ज़रिए भारत का निरंतर विकास होगा साथ ही वैश्विक मंचों पर – आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, समानता और पर्यावरण की देख – रेख, वैज्ञानिक उन्नति और सांस्कृतिक संरक्षण के नेतृत्व का समर्थन करेगा।
10) नई शिक्षा नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षाओं को इसके दायरे में लाया गया है।