सिपाहियों के कंधों से कम होगा राइफल का बोझ, मिलेगा नया घातक हथियार

उत्तराखंड पुलिस के शहरी क्षेत्रों के सिपाहियों के पास जल्द नाइन एमएम की पिस्टल नजर आएगी। पुलिस ने जवानों के कंधों से भारी राइफलों का बोझ कम करने फैसला लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिसकर्मियों के पास एसएलआर, इंसास और एके-47 जैसी रायफलें ही रहेंगी। उत्तराखंड पुलिस पिछले लंबे समय से इस स्मार्ट वेपन योजना पर काम कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि शहरों में लंबी दूरी तक फायर करने वाले हथियारों की जरूरत नहीं होती है। उनको छोटी दूरी तक फायर करने वाले और हल्के हथियारों की ज्यादा जरूरत होती है। आलम यह है कि उत्तराखंड पुलिस की पीएसी के पास अब तक अंग्रेजों के जमाने की 303 पुरानी रायफल ही चल रही है। जो कि काफी पूरानी है।
डीजी अशोक कुुमार ने बताया कि सिपाहियों को पिस्टल प्रदेश के सभी शहरों में दी जाएगी। इनमें जिला मुख्यालय और छोटे शहर भी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि यदि छोटा हथियार होंगे तो पुलिस को काम करने में ज्यादा आसानी होगी।
बड़े हथियार की जरूरत शहरों में नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा होती है। यह बदलाव बेहद जरूरी है। पुलिस मुख्यालय पीएसी से भी पुरानी अंग्रेजी शासनकाल की 303 रायफल को पूरी तरह से बाहर करने पर विचार चल रहा है। हालांकि, अब तक अधिकतर बल के पास एसएलआर जैसी रायफलें मौजूद हैं। अब जल्द सभी 303 रायफलों को बाहर कर उनके स्थान पर एसएलआर दी जाएगी। जिससे कंधों का बोझ कम होगा ।

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