भाई बहन के पावन पर्व रक्षा बंधन पर मदन मोहन तिवारी पथिक की एक कविता-
*रक्षा बंधन का त्यौहार*
बहनों की आशा भाईयों का प्यार,
बहुत है प्यारा रक्षा बंधन त्योहार।
रेशमी धागों से कलाई का श्रृंगार,
शंख ध्वनि संग खुशियों की बहार।
भाई के माथे पर तिलक विस्तार,
बहन की रक्षा को भाई जिम्मेदार।
बहन के लिए खुशियों का विचार,
भाई करते हैं दायित्वों को स्वीकार।
सावन का महीना बादलों की पुकार,
लहराते खेतों पर बारिश की बौछार।
ऊर्जा में परिवर्तन दिशाएं गुलजार,
करते हैं मानव यज्ञोपवीत संस्कार।
राखी का बंधना हाथों में हर बार,
पूजा अर्चन धर्म संस्कृति अनुसार।
विविध पकवान बनकर हों तैयार,
तरह तरह के भोजन कई प्रकार।
इस पर्व की महिमा है अपरंपार,
दो जनों मैं बढ़ता स्नेह अपार।
द्रौपदी श्री कृष्ण इसके सूत्रधार,
बहुत है प्यारा रक्षा बंधन त्योहार।
मदन मोहन तिवारी, पथिक