20 साल हो गए राज्य बने पर आज भी गांव तक ना ही सड़क पहुंची और ना ही स्वास्थ्य सुविधाएं और ना ही अच्छी शिक्षा व्यवस्था

रिपोर्ट – स्मृति तिवारी
बागेश्वर: उत्तराखंड को अस्तित्व में आए 20 साल हो चुके हैं। बागेश्वर को जिला बने हुए 23 साल हो चुके हैं। लेकिन आज भी जिले के कई दुर्गम गांवों तक सड़कें नहीं पहुंची हैं। इतने वर्षों बाद भी उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में कहीं सड़के बनी भी हैं, तो वो भी आधी-अधूरी, जिसके चलते यहां दूरदराज की पहाड़ियों में रहने वाले लोग या तो पलायन कर जाते हैं या फिर जो कुछ लोग गांवों में रह गए हैं, वो सरकारों की अनदेखी के चलते काफी मुसीबतों भरा जीवन जीने पर मजबूर हैं।
विकास की राह तकता लखनी बंगला गांव – यहां आज भी अगर कोई बीमार पड़ता है तो उसे डोली में बैठाकर गांववालों की मदद से सड़कों तक लाया जाता है और फिर उसे अस्पतालों तक ले जाया जाता है।
ऐसा ही एक मामला इन दिनों देखने को मिला है बागेश्वर जिले के गरूड़ ब्लॉक के लखनी बंगला गांव में।
यहां एक 80 साल की वृद्ध महिला बीमार पड़ गई। सड़क न होने के चलते गांव वालों की मदद से उन्हें डोली में बैठाकर अस्पताल तक पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि कैसे सड़क न होने के कारण हर रोज उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है।
प्रशासन का ढुलमुल रवैया – जब इस बारे में गांव वालों से बात की गई तो गांव वालों ने बताया कि यहां गरूड़-लखनी-बंगला-ऐराड़ी नाम की एक सड़क पहले से ही सरकार से स्वीकृत है, जिसे कई साल हो गए हैं लेकिन प्रसाशन की अनदेखी के कारण इस सड़क का निर्माण तो दूर अभी तक यहां कोई सर्वे भी नहीं हुआ है। गांव वालों की कई बार मांग किए जाने के बाद भी प्रसाशन का ढुलमुल रवैया बना हुआ है।

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