उत्तराखंड- नेशनल डेवलपमेंट बैंक की ओर टिहरी झील को 1210 करोड़ की वित्तीय सहायता

रिपोर्ट – आरती बिष्ट

लंबे समय से कागजों में चल रही टिहरी झील को संवारने की तैयारी अब धरातल पर उतरने जा रही है। झील और उससे सटे 73 गांवों को पर्यटन के हर क्षेत्र के लिहाज से विकसित होगा। मास्टर प्लान तैयार कर वॉटर स्पोटर्स, एडवेंचर टूरिज्म, रुरल टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, संस्कृति समेत आर्गेनिक फार्मिंग समेत हर क्षेत्र पर फोकस होगा।। इसके लिए पर्यटन विभाग को नेशनल डेवलपमेंट बैंक की ओर से 1210 करोड़ की मदद मिलेगी। बैंक ने वित्तीय सहायता को सैद्धांतिक सहमति प्रदान की।
44 किमी लंबे क्षेत्र में फैली टिहरी झील का पर्यटन के क्षेत्र में जितना विकास हो सकता है, उस लिहाज से अभी बहुत काम होना बाकि है। एक दशक से भी अधिक समय से पर्यटन विभाग के अफसर फाइलों पर ही मास्टर प्लान तैयार करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
अब एनडीबी से 1210 करोड़ की सहमति मिलने से अब गतिविधियां तेज होने की उम्मीद जगी है। पर्यटन विभाग झील के साथ उससे सटे 73 गांव में भी उनकी संभावनाओं के लिहाज से प्लान तैयार कर रहा है। ताकि टिहरी झील को एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके।
इससे आने वाले समय में पर्यटकों को आर्गेनिक फार्मिंग के बीच कॉटेज नजर आएंगे। जहां पर्यटकों को इन्हीं आर्गेनिक फार्म में तैयार उत्पाद परोसे जा सकेंगे। जहां पर्यटक न सिर्फ आर्गेनिक फार्मिंग के तरीके जान सकेंगे, बल्कि उन्हें एक अलग तरह का अहसास भी कराया जाएगा व गोवा से लेकर विदेशों में होने वाली गतिविधियों का अहसास भी कराया जाएगा। बोटिंग, स्कूवा ड्राइविंग के साथ ही वॉटर स्पोटर्स की नई नई तकनीक से भी पर्यटकों को रुबरू कराया जाएगा।
जिसके लिए खासी योजनाएं बनाई जा रही है। जिसमें केरल को वेलनेस टूरिज्म के क्षेत्र में टक्कर देने को लेकर भी योजनाएं तैयार होंगी। झील को वेलनेस टूरिज्म का हब बनाने पर विशेष फोकस किया जा रहा है। यहां योग, पंचकर्म, आयुर्वेद के जरिए पर्यटकों के लिए केरल का एक विकल्प तैयार किया जाएगा।
कोटी कालोनी में बनी राजीव गांधी एडवेंचर स्पोर्ट्स एकेडमी के जरिए युवाओं को न सिर्फ प्रशिक्षण दिया जाएगा। बल्कि पर्यटकों को एडवेंचर टूरिज्म का एक विकल्प दिया जाएगा।
टिहरी झील को एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल विकसित करने को लेकर मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। जिस प्लान को फाइनल रूप देने के साथ ही धरातल पर काम चलने की तैयारी है। इसके लिए नेशनल डेवलपमेंट बैंक ने 1210 करोड़ की वित्तीय सहायता की सैद्धांतिक सहमति दी है। तेजी के साथ सभी औपचारिकताओं को पूरा किया जाएगा और कार्य शुरू किया जाएगा।

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