भारतीय सेना ने पांचवें दौर की सैन्य वार्ता में चीन की पीएलए को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं किया जायेगा। और पूर्वी लद्दाख में कुछ अन्य तनातनी के बिंदुओं से सैनिकों को पीछे हटाया जाने के काम को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। इस बात की जानकारी सोमवार को घटनाक्रम से जुड़े परिचित लोगों ने दी। दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों ने रविवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की चीनी सीमा पर मोल्डो में एक पहले से निर्धारित बैठक बिंदु पर लगभग 11 घंटे तक गहन बातचीत की।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बहुत स्पष्ट रूप से और कड़ा रुख कर चीनी पक्ष को बताया कि पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में यथास्थिति की बहाली दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है। और बीजिंग को शेष सीमा बिंदुओं से अपने सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाना होगा। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया है कि भारतीय सेना देश की क्षेत्रीय अखंडता से किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं करेगी।
सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों ने अपने संबंधित सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व के साथ बातचीत के विवरण पर चर्चा की। वही सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को सोमवार सुबह हुई वार्ता के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, जिसके बाद पूर्वी लद्दाख में समग्र स्थिति पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ उन्होंने चर्चा की। यह पता चला है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी बातचीत के बारे में जानकारी दी गई थी और सीमा के मुद्दे पर संपूर्ण सैन्य और रणनीतिक टीम को समग्र स्थिति के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श कर निपटने का काम दिया गया था । यह चीन के लिए एक कड़ी चेतावनी है।