“राखी का वो अनमोल धागा” – विकास बिष्ट की रक्षाबंधन पर स्वरचित कविता

“राखी का वो अनमोल धागा”
राखी का वो अनमोल धागा ।
छोटा सा वो कच्चा धागा।
मोल लगा सके न कोई जिसका
राखी का वो कच्चा सा धागा ।
रंग विरंगा वो कच्चा धागा।
विश्वास का वो कच्चा धागा।
भाई के हाथों में जजता वो धागा।
बहन की रक्षा करने का वचनबद्ध धागा।
भाई बहन के प्यार का वो कच्चा धागा।
राखी का वो अनमोल धागा ।
हर बहन का विश्वास वो धागा।
भाई का एहसास वो कच्चा धागा।
हर भाई बहन को जोड़ता वो कच्चा धागा।
हर भाई का अभिमान वो कच्चा धागा।
राखी का वो रंग बिरंगा धागा।

विकास बिष्ट ” भीम”

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