27 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक महिला का शव सूटकेस में रस्सी से बंधा हुआ मिला था। गाजियाबाद पुलिस ने 28 जुलाई को उसकी शिनाख्त बरीशा पुत्री जफर अली निवाली अलीगढ़ और ससुराल बुलंदशहर के इस्लामाबाद के तौर पर की थी। इस मामले में पुलिस ने ससुराल पक्ष के लोगों को जेल भेज दिया था। वहीं, अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। दरअसल, गाजियाबाद पुलिस ने जिस महिला की शिनाख्त की थी वो जिंदा निकल आई है।बरीशा ने जब अखबारों में अपने मरने की खबर सुनी तो वह अलीगढ़ के गांधी पार्क स्थित थाने में पहुंच गई।
उसने पुलिस को बताया कि बुलंदशहर के इस्लामाबाद निवासी आरिफ से उसकी शादी एक जून को हुआ थी। एक जुलाई को वह अपने मायके आई थी। 17 जुलाई को मायके से फिर ससुराल में आ गई। इस दौरान सास जमीला, पति आरिफ और ससुर मुस्लिम ने उसके जेवरात चोरी कर लिए और चोरी का आरोप उसके मायके पक्ष पर लगा दिया। जिसके बाद 22 जुलाई की रात उसे पीटा गया। बरीशा को लगा कि उसकी हत्या की जा सकती है। इसलिए वह 23 जुलाई की सुबह अपने घर से निकलकर नोएडा एक इलेक्ट्रॉनिक कंपनी में काम करने लगी। रविवार को बरीशा को पता चला कि उसे परिजनों ने मरा हुआ समझ लिया है। जिसके बाद वह मायके पहुंची और फिर गांधी पार्क थाने।
पुलिस को जैसे ही इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने गाजियाबाद पुलिस को सूचना दी। गाजियाबाद पुलिस पहले ही इस मामले में 24 घंटे में शव की शिनाख्त कर अपनी पीठ ठोक चुकी थी। सूचना मिलते ही पुलिस में हड़कंप मच गया। शाम तक पुलिस ने अपनी सफाई में कई तथ्य जारी किए। पुलिस का दावा है कि वारीशा के भाई इस्माईल और मां बूंदो ने शव की शिनाख्त की थी। उसके बाद ही उनको शव सौंपा गया था। पुलिस का कहना है कि शव का डीएनए भी सुरक्षित रखा गया है। हालांकि एसपी सिटी मनीष मिश्रा ने बताया कि महिला के शव की शिनाख्त में पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है। जिस महिला का शव माना गया था वो जिंदा है इसलिए इस मामले में अज्ञात के खिलाफ साहिबाबाद थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।