कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थोड़ी देर में लाल किले पर होने वाले 74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्र का नेतृत्व करेंगे। वह राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और परम्परागत रूप से इस प्रतिष्ठित स्मारक की प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन देंगे। ऐसा माना जा रहा है कि उनका संबोधन कोरोना वायरस महामारी चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध और आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों के बीच होगा। वहीं सबकी निगाहें इस बात पर भी होंगी कि पीएम मोदी अपने संबोधन में क्या ऐलान कर रहे हैं। आपको बता दें कि 15 अगस्त को पीएम मोदी बड़ी घोषणाएं करते रहे हैं।
उम्मीद है कि मोदी जब 74वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करेंगे तो कोविड-19 से निपटने में सरकार के प्रयासों का जिक्र कर सकते हैं।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह दूसरा वर्ष है और सरकार ने अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार की पहल शुरू की है जबकि कोविड-19 से यह बुरी तरह प्रभावित हुई है। अयोध्या में पांच अगस्त को मोदी द्वारा राम मंदिर के ‘भूमि पूजन’ के बाद उनका यह संबोधन होगा।
वहीं पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच जारी गतिरोध के बीच उनका संबोधन होगा। दोनों देश संघर्ष वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी के लिए कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ता कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में और सुधार के उपायों की घोषणा भी वह कर सकते हैं जबकि सरकार ने कृषि और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में कई पहल की है ताकि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष मिले प्रचंड बहुमत के बाद स्वतंत्रता दिवस के भाषण में उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ कानून लाने और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की बात प्रमुखता से रखी थी। उन्होंने जनसंख्या को नियंत्रित करने और पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने की जरूरत पर भी बल दिया था।