“युवा पीढ़ी में बढ़ती नशे की प्रवृति”

रिपोर्ट – मानसी जोशी

युवा पीढ़ी में बढ़ती नशे की प्रवृति
वर्तमान युग में युवा पीढ़ी में नशे कि प्रवृति बढ़ते ही जा रही है। युवतियों में भी नशीले पदार्थो की पकड़ लगातार बढ़ती जा रही है। स्कूल , कॉलेज के विद्यार्थी भी इस नशे कि लत से अछूते नहीं हैं।
नशे के पदार्थो को हम कई प्रकार से लेे सकते हैं, जैसे – अफ़ीम,अफ़ीम से बनी मार्फिन, ब्राउन शुगर, गांजा, गांजा से बना हुआ चरस, पी सी पी आदि सभी बेहद खतरनाक हैं।
आज के युग में मुंबई, बड़े – बड़े शहरों में नशे के पदार्थ का सेवन करने वालों की आयु 14-25 के बीच की है। युवक – युवतियों में नशे की आदत का सबसे बड़ा कारण यह है कि उन्हें आर्थिक दिक्कतें नौकरी ना होना, परीक्षा में सफलता ना मिलना, अपने प्रेम में असफल होना, परिवार में अशांति आदि कारण हैं, जिनसे बचने के लिए युवा पीढ़ी नशे का सहारा लेती है।जबकि नशा किसी भी समस्या का हल नहीं है।
युवतियां शुरू शुरू में नशा चोरी छिपे करती हैं पर बाद में जब वह इस नशे की आदि हो जाती है तो वह सारी हदें पार कर जाती जाती हैं। युवतियां नशे के साथ साथ सिगरेट, शराब भी पीती हैं। नशे में डूबी इन युवतियों का शरीर अपनी वास्तविक सुन्दरता तो खोता ही है,साथ में गर्भाशय और मांशपेशियों को भी कमजोर कर देता है। जहां इनके गर्भाशय में कई दिक्कतें आती हैं, वहीं उन्हें और कई जटिलताओं का भी सामना करना पड़ता है। दांपत्य जीवन में भी नशे के कारण कई बार रिश्ते टूटे हैं। पति,सास, ससुर, बच्चे आदि के साथ मनमुटाव घर को नरक बना देता है।
इसे रोकने के लिए इसके सेवन से होने वाली बीमारियों से लोगो को अवगत कराना चाहिए ,युवतियों को यह समझाने का प्रयास करना चाहिए कि वह समाज की धरोहर हैं, घर,परिवार व समाज का आदर्श हैं। तब जाकर कहीं नशे कि प्रवृति को कम किया जा सकता है।