सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा की अंजलि के ऐपण का जवाब नहीं, पहाड़ की विलुप्त होती संस्कृति को कर रही हैं जीवंत

सांस्कृतिक कलाकारों ने हमेशा से ही अपनी कला के माध्यम से हमारी संस्कृति को बचाने की कोशिश की है। पहाड़ के युवा अपनी संस्कृति को बचाने के लिए आगे आ रहे हैं और इसी क्रम में सांस्कृतिक नगरी अल्मोडा़ की अंजलि बिष्ट हमारी संस्कृति को बचाने के लिए अपना योगदान दे रही हैं।
अंजलि सोबन सिंह जीना परिसर, अल्मोडा़ की बीकाॅम अंतिम सेमेस्टर की छात्रा हैं। वह अपने बनाए ऐपण कला से सबका दिल जीत रही हैं। अंजलि के पिता सेना में तैनात हैं और माँ ग्रहणी हैं। अंजलि बताती हैं की उन्हें ऐपण में पहले से ही काफी दिलचस्पी थी लेकिन काॅलेज और पढ़ाई के साथ वह ऐपण को ज्यादा समय नहीं दे पाती थी। लाॅकडाउन में उन्होंने अपने समय का सद्उपयोग कर ऐपण को भी अधिक समय दिया।
ऐपण उनके रोजगार का जरिया बन गया है और वह ऑर्डर लेकर ऐपण बनाती हैं। उन्हें दिल्ली से अभी काफी ज्यादा ऐपण के ऑर्डर मिले हैं। स्थानीय लोग उन्हें फोन करके या तो घर आकर ही ऑर्डर दे जाते हैं।

अंजलि का कहना है की ऐपण हमारी संस्कृति है इसे हमें संजोकर रखना है, जिसके लिए सभी लोगों को आगे आकर अपना योगदान देना होगा। अंजलि का यह छोटा सा प्रयास पहाड़ की संस्कृति और ऐपण कला को बचाने का एक छोटा सा माध्यम बन गया है वह कहती हैं कि हम सभी नई पीढ़ी के बच्चों को अपनी संस्कृति से रूबरू होना होगा और अपनी सांस्कृतिक कार्यक्रम,विरासत को बचाने के प्रयास करने होंगे और इसमें से ही हमें खुद से पहाड़ में कई रोजगार के अवसर भी पैदा करने होंगे।
अंजलि चाहती हैं कि सभी पहाड़ी युवा अपनी संस्कृति को बचाने को आगे आए और अलग अलग तरीके से पहाड़ की संस्कृति, परम्परा, खान पान आदि माध्यमों से रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ ही अपनी संस्कृति का प्रचार प्रसार कर सभी को हमारी संस्कृति से परिचित करवाए।

ऐपण के अलावा भी अंजलि उनी सामान, मास्क, और अन्य कई तरह कि सौंदर्य की वस्तुएं भी बना रही हैं।
आप भी ऐपण बनवाना चाहते हैं तो आप अंजलि से ईमेल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं –
Anjalibisht73511@gmail.com