जल्द ही ऊधमसिंह नगर के गांवों में दौड़ेगी स्वच्छता की लहर इसके लिए स्वच्छता मिशन के तहत स्वजल परियोजना से करीब 32 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस राशि से नाली निर्माण से लेकर कूड़ा प्रबंधन से संबंधित सभी कार्य होंगे। करीब 60 फीसद तक की राशि का भुगतान भी किया जा चुका है।
कचरा, गंदगी व नालों की मुसीबत से गांव को जल्द निजात मिलेगी। वैसे तो स्वच्छता के लिए हर साल गांवों को बजट मिलता है, लेकिन इस बार कुछ अन्य योजनाओं को भी जोड़ा गया है, जिससे कूड़ा प्रबंधन को और बेहतर किया जा सके। इस योजना में जिले के 215 ग्राम पंचायतों के लिए करीब 32 करोड़ 25 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
विभाग की ओर से 133 गांवों को पहले किश्त में 40 फीसद राशि वर्ष, 2018-19 में दे दी गई थी। इसके बाद हाल ही में 40 फीसद राशि दूसरे किश्त की जारी की गई है। जबकि शेष 82 गांवों के लिए अब 40 फीसद की पहली किश्त जारी हुई है। इस राशि को सफाई, पानी की निकासी, सड़कें, सोख्ता, जैविक, अजैविक कूड़ेदान, सीवर लाइन बिछ़ाने का कार्य, कचरा पृथकीकरण केंद्र, वर्मी खाद गढ्डे आदि बनाए जाएंगे। सैनिटरी पैड नष्ट करने के लिए बीएचएम इंसीरीएटर मशीन लगाई जाएगी। पारदर्शिता के लिए किसी भी निर्माण कार्य के लिए संबंधित कार्य शुरू होने के पहले, मध्य में एवं पूर्ण होने के बाद फोटो लिए जाएंगे। कार्य में तेजी लाने के लिए ग्राम प्रधानों को निर्देश दिए गए हैं।
ट्रैक्टर से उठाया जाएगा कूड़ा, हाईड्रोलिक का प्रयोग
सभी ग्राम पंचायतों में घर-घर कूड़ा उठाने के लिए वाहन भी खरीदे जाएंगे। इसके लिए करीब ढाई लाख रुपये तक छोटे ट्रैक्टर की खरीद होगी। इसके अलावा तीन पहिए वाली ट्रॉली या ई-रिक्शा को भी प्रयोग में लाया जाएगा।
विभाग वाहन चालक का उठाएगा खर्च
सभी ग्राम पंचायतों में कूड़ा कलेक्शन के लिए वाहन चलाने वाले चालकों व सफाई में लगे कर्मियों के छह माह तक वेतन का खर्च विभाग उठाएगा। इसके लिए इस बजट में 31 हजार 320 रुपये निर्धारित किए गए हैं। इसके बाद ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी होगी।
प्लास्टिक को नष्ट करेगी मशीन
कचरे में से प्लास्टिक को नष्ट कर रिसाइकल किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने पांच लाख तक का बजट रखा है। मशीन में हर प्रकार के प्लास्टिक को नष्ट किया जा सकेगा।
गांवों को स्वच्छ और सुंदर बनाने का प्रयास जारी है। सभी ग्राम पंचायतों को आबादी के अनुसार बजट आवंटित किए गए हैं। इन्हें तीन किश्त में भुगतान किया जाना है। जिसमें से 133 ग्राम पंचायतों को दो किश्त और 82 ग्राम पंचायतों को एक किश्त का भुगतान हुआ है।