एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने आज फिर से कैंपस पहुंच कर परिसर निदेशक जगत सिंह बिष्ट के सामने अपना विरोध दर्ज कराया और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब छात्रसंघ का कार्यकाल जून में खत्म हो गया है फिर उसके पश्चात 6 सप्ताह के लिए विशेष परिस्थितियों में कार्यकाल बढ़ाया जाता है जो कि 2 महीने और मतलब अगस्त तक होता है। जब अगस्त में कार्यकाल खत्म हो गया है तो छात्रसंघ को अभी तक बर्खास्त क्यों नहीं किया गया है।
साथ ही एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने यह आरोप लगते हुए कहा कि इस वर्ष जो समान छात्रसंघ भवन के लिए आया था वह वहां मौजूद नहीं है और इस पर परिसर निर्देशक, प्रोकटर और DSW के साथ जब एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने छात्रसंघ भवन का ताला खुलवाकर देखा तो वहां पूर्व में सुनील सिंह के अध्यक्ष रहते जो सामान आया था वह ही मौजूद था उसके अलावा इस वर्ष मगया सामान वहां से नदारद मिला। साथ ही निरीक्षण के दौरान छात्रसंघ भवन में नसे में लिप्त होने वाली वस्तुएं भी मिली जिस पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं द्वारा तुरंत छात्रसंघ भवन को सील कर त्वरित करीवाई की मांग की।
इस मामले पर परिसर निदेशक जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि ” मै इस घटनाक्रम से बहुत आहत हूं और मैंने दोनों माननीय कुलपति महोदय से बोल दिया है कि उन्हें निदेशक पद से मुक्त कर दिया जाए। और छात्रसंघ भवन में फर्नीचर गायब होने की बात को निदेशक द्वारा नकार दिया गया है साथ ही जो स्मैक करने में इस्तमाल होने वाले रैपर मिले हैं उस पर जांच कमेटी बैठेगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।”
छात्रसंघ अध्यक्ष दीपक उप्रेती द्वारा कहा गया कि कुछ दिनों से एनएसयूआई द्वारा परिसर में अराजकता का माहौल बनाया जा रहा है। अपने संस्कारों और विचारधारा को लगातार समाज में प्रदर्शित किया जा रहा है इसलिए आज इस लोगों ने छात्रसंघ भवन जो की सरकारी भवन है वहां सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का कार्य किया है और सोची समझी साजिश के तहत वहां का ताला तोड़ा गया। इसके पश्चात स्मैक के रैपर जैसी घटना सामने लाने का जो कार्य किया गया है इससे इनके द्वारा मेरी और मेरी छात्रसंघ कि छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।जिसके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और इनको कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लगातार परीक्षा के दौरान इनके द्वारा अराजकता का माहौल जो किया जा रहा है उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके खिलाफ परिसर द्वारा कानूनी कार्रवाई करने के लिए आज हमारे द्वारा वार्ता की गई और सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
छात्रसंघ महासचिव नवीन कनवाल द्वारा कहा गया कि एनएसयूआई कार्यकर्ताओं द्वारा बदले की भावना से छात्र संघ की छवि बिगाड़ने का कार्य किया जा रहा है। जिससे परिसर में दिन प्रतिदिन अराजकता का माहौल बन रहा है। परिसर प्रशासन को इस बात पे अमल करके निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और दूसरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
इस विषय पर पूर्व छात्रसंघ महासचिव आशीष पन्त द्वारा कहा गया कि बीते महीनों से छात्रसंघ के द्वारा अवैध रूप से इस परिसर में अपनी सत्ता चलाई जा रही है जो की सरासर गलत है और जिस संदर्भ में हमारे एक भाई विपुल कार्की एनएसयूआई अध्यक्ष प्रत्याशी ने कुछ दिनों पूर्व परिसर निदेशक जगत सिंह बिष्ट को अवगत कराया था कि छात्रसंघ का कार्यकाल पूरा हो चुका है और इसके खिलाफ कार्यवाही की जाए। परंतु उनके द्वारा इस संदर्भ मैं कोई कार्यवाही नही की गई। जिसके बाद परसो विपुल कार्की ने छात्रसंघ पटल से छात्रसंघ के नाम को मिटाने का काम किया और उसके बाद उसमे त्वरित कार्यवाही की गई हमारे परिसर निदेशक के द्वारा जो कि सरासर गलत था जिसके विरोध मे आज हमने विरोध प्रदर्शन किया। उसके दौरान जब हम छात्रसंघ भवन पहुचे तो छात्रसंघ भवन के अंतर्गत स्मेक, फाइल पेपर, बीड़ी के कागज निर्देशक, dsw के सम्मुख सभी को मिले है, जो हमारे शैक्षणिक संस्थान है उसको बदनाम करने का काम कर रहा है। इनके खिलाफ त्वरित कार्यवाही करने की हम मांग करते है।
छात्रसंघ कोषाध्यक्ष राहुल अधिकारी का कहना है कि परिसर में चल रहे कुछ अराजक तत्वों की अराजकता से परिसर को अराजकता मुक्त कराने के लिए परिसर निदेशक को ज्ञापन सौंपा और जल्द से जल्द कानूनी कार्यवाही करने की मांग की।
इस मौके पर एनएसयूआई जिला अध्यक्ष पवन मेहरा, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील सिंह, पूर्व महासचिव आशीष पन्त, पूर्व महासचिव अक्षय कुमार, जिला उपाध्यक्ष एनएसयूआई संदीप सिंह तड़ागी, विधानसभा अध्यक्ष यूथ कांग्रेस धीरेन्द्र गैलाकोटी, जिला महासचिव युवा कांग्रेस संजीव कर्मीयाल, मोहन देवली, विपुल कार्की, सजू सिंह, बाला जी, अमित बिष्ट, नितिन रावत, आकाश जंगपांगी, राहुल खोलिया आदि मौजूद थे।