अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति कार्यालय में विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति प्रो0 नरेंद्र सिंह भंडारी ने प्रेस वार्ता आयोजित कर पत्रकारों को संबोधित किया। वार्ता में उन्होंने बताया कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अस्तित्व में आने के उपरांत अब व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने का प्रयास कर रहा है। प्रो0 भंडारी ने कहा कि उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा, सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय बनाकर इसमें अल्मोड़ा बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत जिले में स्थित सभी महाविद्यालयों को शामिल किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि सोबन सिंह जीना अल्मोड़ा विश्वविद्यालय में उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा का पूर्ण विलय होने के कारण सभी शैक्षणिक एवं प्रशासनिक कार्य अब नये विश्वविद्यालय द्वारा ही संचालित किये जा रहे हैं। विश्वविद्यालय हेतु संसाधनों को जुटाकर बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही सरकार से बजट प्राप्त होते ही सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कार्य तीव्रता के साथ बढ़ाये जाएंगे। कुमाऊं विश्वविद्यालय से बंटवारे के संबंध में उन्होंने कहा कि कुमाऊं विश्वविद्यालय ,नैनीताल से परिसंपत्तियों, कर्मचारियों, परिसर और महाविद्यालयों की संबद्धता आदि के बंटवारे के लिए 18 सदस्यीय समिति निर्मित की गई है। विश्वविद्यालय अगले ही सत्र से ही परीक्षाएं आयोजित करने में समर्थ हो सकता है। पत्रकार वार्ता में कुलपति ने स्पष्ट किया कि नवीन विश्वविद्यालय के अधीन आने वाला सोबन सिंह जीना परिसर,अल्मोड़ा तथा 37 महाविद्यालयों की संबद्धता अभी कुमाऊं विश्वविद्यालय से ही है। जिनका संचालन अभी कुमाऊं विवि के हाथ में है, क्योंकि अभी तो परिसम्पत्तियों का स्थानांतरण होना है। जब इनके मानव व भौतिक परिसंपत्तियों का स्थानांतरण कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल से एसएसजे विश्वविद्यालय को विधिवत हो जाएगा, तभी ये सोबन सिंह जीना वि.वि.के अधीन चलेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली बैठकों में तय अनुसार फिलहाल चालू सत्र में वित्तीय व्यवस्था कुमाऊं विश्वविद्यालय ही देखेगा। एसएसजे विवि से संबद्धता कराने की प्रक्रिया शुरू हो सके, इसके लिए 18 सदस्यीय कमेटी बना दी है, जिसमें दोनों विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार, वित्त नियंत्रक, दोनों कैंपसों के निदेशक समेत अन्य लोगों को शामिल किया गया है। यह कमेटी 10 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे कदम उठाया जाएगा।
परिसरों को लेकर उन्होंने कहा कि पी.जी .कालेज पिथौरागढ़ व बागेश्वर को कैंपस के रूप में अस्तित्व में लाने के लिए पत्राचार शुरू कर दिए गए हैं। इसके साथ नये विश्वविद्यालय की परिनियमावली तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। परिनियमावली व अन्य औपचारिकताओं के लिए टीमें गठित की हुई हैं। वहीं नई शिक्षा नीति अगले साल से लागू करने के संबंध में भी शासन स्तर पर लगातार मंथन चल रहा है। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय,अल्मोड़ा अपने ढाँचेगत व्यवस्थाओं को मजबूती दे रहा है। इस हेतु कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल और दोनों कुलपतियों के बीच लगातार बातचीत हो रही हैं। साथ ही शासन स्तर पर भी वार्ता और बैठकें हो रही हैं। आवासीय विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में विलय होने से परिसम्पतियों व मानव संसाधन के बंटवारे के लिए निरंतर प्रयास चल रहे हैं।
विश्वविद्यालय के विकास और भावी योजनाओं को लेकर
कुलपति प्रो. एनएस भंडारी ने पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने कहा कि आवासीय विश्वविद्यालय,अल्मोड़ा का सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में विलय की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। प्रक्रिया के पूरी होने पर आवासीय विश्वविद्यालय,अल्मोड़ा का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। इसमें संचालित होने वाले 12 कोर्स व्यवसायिक पाठ्यक्रम के तौर पर चलते रहेंगे और यह विभाग अल्मोड़ा में सृजित नए विवि के अधीन संचालित होगा। उन्होंने बताया कि आवासीय विश्वविद्यालय में छठे सेमेस्टर की परीक्षा करा ली गई है।
छात्रों के प्रवेश को लेकर उन्होंने कहा कि बच्चे असमंजस में न रहें। अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के अधीन आने वाले कैंपसों व महाविद्यालयों के छात्र—छात्राओं की प्रवेश प्रक्रिया कुमाऊं विवि ने की है, क्योंकि अभी नये विवि का अपना ढांचा नहीं है। जब परिसंपत्तियों का बंटवारा हो जाय तो बाद में सभी रिकार्ड स्थानांतरित होंगे।
बताते चलें कि वर्तमान में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय तथा कुलसचिव कार्यालय में सभी कार्य उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय,अल्मोड़ा के कर्मी कर रहे हैं। प्रेस वार्ता के दौरान सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ0 बिपिन चंद्र जोशी, ईश्वर बिष्ट, विनीत काण्डपाल, आलोक वर्मा, रवि अधिकारी, गोविंद मेर, राकेश साह, सोनू आदि कर्मचारी शामिल रहे।