“कुछ आजाद ख़्याल” – विपुल जोशी की ग़ज़ल / कविता

ये सच है कि बुरा वक्त जल्दी खत्म नहीं होता
पर ये ना सोचिए जख्म का मरहम नहीं होता
हर उदास शक्स को ये कहकर हिम्मत देता हूँ
खुशी का पता कैसे चलता जो गम नहीं होता
कई सारी चिड़ियों के आशियाने नहीं बन पाते
जो कायनात में पतझड़ का मौसम नहीं होता
पल की अहमियत लोग समझना नहीं चाहते
साँस रोक के देखिये एक पल कम नहीं होता
एक वक्त होता है जब मिट्टी तक पच जाती है
एक वक्त आता है जूस तक हजम नहीं होता
विपुल जोशी