मनोरंजन साहित्य “कुछ आजाद ख़्याल” – विपुल जोशी की ग़ज़ल / कविता rahul joshi September 19, 2020 ये सच है कि बुरा वक्त जल्दी खत्म नहीं होता पर ये ना सोचिए जख्म का मरहम नहीं होता हर उदास शक्स को ये कहकर हिम्मत देता हूँ खुशी का पता कैसे चलता जो गम नहीं होता कई सारी चिड़ियों के आशियाने नहीं बन पाते जो कायनात में पतझड़ का मौसम नहीं होता पल की अहमियत लोग समझना नहीं चाहते साँस रोक के देखिये एक पल कम नहीं होता एक वक्त होता है जब मिट्टी तक पच जाती है एक वक्त आता है जूस तक हजम नहीं होता विपुल जोशी