पत्रकारिता में आदर्शों को अपनाने की जरुरत – डॉ ललित जोशी “योगी”

डॉ.ललित जोशी
स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा ने देश की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाया, चीन को मुहैया कराए देश से जुड़े गोपनीय दस्तावेज, पकड़े गए। पत्रकारिता जैसे क्षेत्र में देश को नुकसान पहुंचाने वालों का बोलबाला होना, चिंतनीय है। मुझे याद है कि गणेश शंकर विद्यार्थी, महात्मा गांधी, अच्युतानंद मिश्र जैसे अनेक पत्रकार हर हैं,जिन्होंने पत्रकारिता के आदर्श और मूल्यों को जीवित रखा। ब्रिटिशकाल के दौरान,जब पत्रकारिता, पत्र, प्रकाशकों की ईमानदारी से शासन परेशान होती थी तो उनपर प्रतिबंध भी लगाया जाता था। हिक्की गजट जैसे पत्र बंद हो गए। लेकिन न तो पत्र भयभीत हुआ और न ही पत्रकारिता रस्खलित हुई, न ही पत्रकार अपने आदर्शों से विमुख हुए। उस समय पत्रकारिता वहीं करता था,जो एक सेवक था,किन्तु आज पत्रकारिता जगत में भ्रष्ट लोगों, देश द्रोहियों, सूदखोरों का वर्चस्व हो गया है। TRP के चक्कर, भौतिकत संसाधनों की आस रखने वाले इस क्षेत्र में घुस रहे हैं।
कई बार मैंने पत्रकारिता एवं जनसंचार की कक्षा लेते हुए विद्यार्थियों को पत्रकार की सीमा, कानून, उनकी जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से चर्चा की है। पत्रकारिता से जुड़ने के लिए सत्यता जरूरी है। सिद्धान्त जरूरी हैं। इस बात को अक्सर मेरे विद्यार्थी समझे भी होंगे। यदि पत्रकारिता के मूल तत्त्व को नहीं समझेंगे तो ऐसे ही पत्रकारों को हम पाते रहेंगे।
आज कई पत्रकार ऐसे हैं,जो तन-मन से समर्पित भी हैं,जो जान की परवाह किये बगैर सेवा कर रहे हैं। कई पत्रकारों ने अपने सिद्धान्तों को भी इस युग में जीवित रखा है। कोरोनाक़ाल में उसका रूप हम देख भी सकते हैं, लेकिन इनके बीच राजीव शर्मा जैसे लोग भी विद्यमान हैं,जो देश की एकता, संप्रभुता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्ही में एक राजीव शर्मा हैं,जो यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया, द ट्रिब्यून और सकाल टाइम्स आदि के साथ काम कर चुका है। यही नहीं चीन के अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स के लिए भी लिखता रहा है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police Special cell) ने देश की रक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज के साथ स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को गिरफ्तार किया है। आरोपित के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। संदिग्ध गतिविधि की सूचना पर पुलिस लंबे समय से राजीव के फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) जुटा रही थी। 14 सितंबर को गिरफ्तार राजीव को 15 सितंबर को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां उसे छह दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
पर ये क्या! देश की सुरक्षा से जुड़े हुए गोपनीय दस्तावेज के साथ उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर सनसनीखेज खुलासा किया है। पूछताछ और जांच के आधार पर दिल्ली पुलिस का कहना है कि पत्रकार राजीव शर्मा ने चीनी खुफिया को संवेदशील जानकारी मुहैया कराई है। जिसके ऐवज में उसे पैसा मिलता था। इस मामले में एक चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी कंपनियों के माध्यम से बड़ी मात्रा में पैसे देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अभी इन लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
स्पेशल सेल और अन्य सुरक्षा व खुफिया एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं। सवाल यह भी है कि देश का नमक खाकर ये नमक हलाली क्यों करने लगे हैं?उसके द्वारा देश की रक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज जुटाने की उसकी मंशा क्या थी? उक्त दस्तावेज उसे किसने मुहैया कराया और उन दस्तावेजों को किसे सौंपा जाना था? इन सभी प्रश्नों को पुलिस अब अपनी खोजबीन से पता लगाएगी।
पुलिस के मुताबिक, दिल्ली के पीतमपुरा में रहने वाला यह स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा कई समाचार पत्रों, न्यूज एजेंसियों और प्रेस जर्नल में काम कर चुका है। इस पहलू को गंभीरता से जांच कर,उसके संबंधियों पर भी पुलिस की नजर होनी चाहिए। ज्ञात हुआ है कि पुलिस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए राजीव के करीबियों पर भी नजर रख रही है। यह नेटवर्क कब से है और कितनों से रहा होगा,इसपर खुफिया विभागों को सतर्क रहने की जरूरत है। वैसे भी जबसे चीन ने सीमाओं पर नियम कानूनों का उल्लंघन किया है,उसको दृष्टिगत रखते हुए संदिग्धों की धरपकड़ करनी जरूरी है।
राजीव शर्मा के नेटवर्क से जुड़े कई लोग शक के दायरे में हैं, जिनमें से कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। आशा है कि इस मामले में जल्द ही और खुलासे होंगे, गिरफ्तारियां होंगी। आरोपी राजीव शर्मा ने बेल की अर्जी दाखिल की है, जिसपर 22 सितंबर को सुनवाई होने की उम्मीद है।
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने बताया कि आरोपी राजीव शर्मा के पास से सुरक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज मिले हैं और मामले की जांच जारी है। आगे चलकर जो जानकारियां होंगी वह जानकारी साझा की जाएगी। पत्रकार से जुड़ा हुआ यह मामला सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस के साथ अन्य खुफिया एजेंसियां सकते में हैं। विगत दिनों ही जासूसी से जुड़े हुए कई ऐसे मामले संज्ञान में आये हैं,जिनको गम्भीरता से लिया जाना चाहिए। अन्यथा देश को खंडित करने के लिए ऐसे मामले बढ़ने लगेंगे।