रिपोर्ट – आरती बिष्ट
माॅनिटरी पाॅलिसी कमेटी (एमपीसी) की मीटिंग के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक बयान में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। दास ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में हमने अर्थव्यवस्था में सिकुड़न देखी है। अब यह पीछे छूट गया है। सिल्वर लाइन अब दिख रही है।
अन्य सभी सेक्टरों के साथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी दिखने लगी है। ऊर्जा की खपत बढ़ी है। उनके मुताबिक, 2020-21 की चौथी तिमाही में महंगाई घटने की उम्मीद है। खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) जो आरबीआई की मौद्रिक नीति की एक प्रमुख वजह है, वह पिछले महीनों से 6 प्रतिशत पर बना हुआ है।
सरकार ने आरबीआई से कहा है कि वह महंगाई को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखे। इस प्रयास में 2 प्रतिशत ऊपर-नीचे यानी अधिकतम 6 प्रतिशत तथा न्यूनतम 2 प्रतिशत तक छूट है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत मार्च 2021 तक जीडीपी 9.5 प्रतिशत तक रह सकती है। दास ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में विकास दर पाॅजिटिव जोन में पहुंच सकती है। जनवरी-मार्च तिमाही से इसकी शुरुआत हो सकती है। कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए देश में लाॅकडाउन करना पड़ा था जिससे देश की आर्थिक गतिविधियों को काफी नुकसान पहुंचा था।