दिव्यांग कलाकारों की मदद की गई घुघुती जागर ग्रुप द्वारा, जानें संपूर्ण यात्रा का वृत्तांत डॉ ललित जोशी योगी के साथ

धौलछीना रहने वाले दिव्यांग कलाकार श्री संतराम जी और श्रीमती आनंदी देवी के पास यकायक जाना हुआ। असल में आज काठगोदाम की मित्र मंडली, जिसे हम घुघुती जागर नाम से जानते हैं। इंटरनेट, फेसबुक, पहाड़ी गीतमलाओं में घुघुती जागर ग्रुप खासा चर्चा में रहा है। इस ग्रुप के मित्र राजेंद्र ढैला जी ने मुझे अल्मोड़ा पहुंचने के उपरांत उन कलाकारों से मिलने का अनुरोध किया,जिसे सहर्ष स्वीकारते हुए उनके साथ धौलाछीना चल बढ़ा। धौलाछीना में संतराम जी का रहने का भवन अभी दुरुस्त किया जा रहा है,जिन्हें डॉ अजित तिवारी (Ajeet Tiwari जी, नशामुक्ति केंद्र) वालों ने हवालबाग में आसरा दिया है। हम धौलछीना से बैरंग लौटे। नीरज भट्ट जी के माध्यम से मालूम चला कि आनंदी देवी जी लोग हवालबाग में रह रहे हैं, उन्होंने एक किलो सेब ले जाने को कहा। हमें सेब नहीं मिल सके,इसलिए उन्हें धनराशि दे आये। बाड़े छीना, लखुड़ियार आदि के पुरातत्विक स्थलों की रिपोर्टिंग करते हुए हम हवालबाग पहुंचे। वहां अनुमति लेकर संतराम जी से खूब बातचीत की। संतराम जी ने अपनी चिर -परिचित आवाज में जोड़ सुनाए। हुड़का बजाया और हुडुके की थाप में आनंदी देवी जी भी खूब थिरकीं।

✍️फेसबुक पर लाइव दर्शन भी कराए। डॉ.मुकेश बोरा जी और मोहित बहुगुणा जी ने भी उनतक मदद पहुंचाने के लिए अर्थ सहयोग दिया। आनंदी देवी ने कहा कि एक सूती की साड़ी और संतराम जी ने कहा कि कुछ गर्म कपड़े ले आना हो सैप।

✍️नशा केंद्र में आनंदी जी और संतराम जी के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है। वहां डॉ अजित तिवारी जी ने अपने सहायकों के माध्यम से उनको नहलाने-धुलवाने, पहनने-ओढ़ने आदि के लिए वस्त्र आदि और धोने की व्यवस्था तक कराई है। जिले के जिलाधिकारी श्री नितिन भदौरिया जी का इस नशा केंद्र के लिए सराहनीय योगदान रहा है। बहरहाल बहुत सुकून मिला। इन कलाकारों से मेरी विस्तार से वार्ता हुई। उन्होंने बताया कि बहुत अच्छा लग रहा है यहाँ। उन्होंने नशा मुक्ति केंद्र की सराहना करते हुए एक जोड़ भी सुनाया।

✍️काठगोदाम के घुघुती जागर टीम के राजेन्द्र जी,शर्मा जी और श्री प्रसाद जी अपने वाद्ययंत्रों के साथ पहुंचे थे,जहां झोड़ा, चांचरी, जोड़ आदि की प्रस्तुतियां हुई। दो हुडुकों की घमाघम, प्यानो की धुन और श्री राजेन्द्र प्रसाद जी , राजेन्द्र ढैला, संतराम जी और आनंदी देवी जी की जुगलबंदी ने लोकगीतों की प्रस्तुतियां दी। राजेन्द्र ढैला के लिखे हुए गीतों को गाकर मैंने और देवेंद्र ने भी आनंद उठाया। घुघुती जागर टीम के सौजन्य से 2500 rs की धनराशि संतराम जी को भेंट की।

✍️अंत में अपनी मास्क और सेनिटाइजर मुहीम के तहत 20-25 मास्क नशा मुक्ति केंद्र में बंटवाने के लिए तैनात कर्मियों के सुपुर्द कर आया।