अल्मोड़ा जिले के हवालबाग विकासखंड की शैल, छाना, घुरसौं की क्षेत्र पंचायत सदस्य गीता जोशी द्वारा स्वरोजगार के रूप में मशरूम उत्पादन का प्रथम प्रयास सफल होता हुआ है। गीता जोशी बताती हैं कि लगभग 1 माह के प्रयास से हमने सर्वप्रथम शैल गांव से ही महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु अल्मोड़ा की तीलू रौतेली पुरस्कार विजेता प्रीति भंडारी के माध्यम से महिलाओं को मशरुम उद्योग से जोड़ने का प्रयास किया था। गीता जोशी ने कहा कि उन्होंने क्षेत्रों से आए लोगों ने अपने घर में मशरूम उगा कर मशरूम उत्पादन कैसे करते हैं यह सीखा और इस प्रक्रिया में 1 महीने का समय लगा और हमारा यह प्रथम प्रयास ही सफल रहा। गीता जोशी ने कहा कि अब वह प्रीति भंडारी से प्रेरणा लेकर और उनके सहयोग से हम क्षेत्र की समस्त महिलाओं को मशरुम उद्योग से जोड़कर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे। जिससे हम पहाड़ी क्षेत्र की महिलाओं को उत्तराखंड राज्य में आत्मनिर्भर बनाने में सफल हो सकेंगे।
गीता जोशी का प्रथम प्रयास सफल रहा और उन्होंने कहा की पहली खेप को उन्होंने अपने आस पास दोस्तों और रिश्तेदारों में बांटा। अब आगे वह अपने क्षेत्र की महिलाओं को सिखाने का कार्य करेंगी जिससे कि सभी महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि अभी होने कम मात्रा में मशरूम का उत्पादन किया था, परन्तु अब आगे वह इस कार्य को बडे़ पैमाने पर करेंगी। उन्होंने पहाड़ की सभी महिलाओं से आग्रह किया कि वह ऐसे कार्यों में (जैसे – मशरूम उत्पादन, खेती में नए नए प्रयोग, मुर्गी पालन, दुग्ध उत्पादन आदि) बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और आत्मनिर्भर बनने के अपने सपने को साकार करने में एक कदम जरूर उठाएं।
गीता जोशी का कहना है कि वह इस कार्य को अपने क्षेत्र कि सभी महिलाओं को सीखा कर आत्मनिर्भर बनने कि दिशा में उनके साथ हर समय कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहने को हमेशा तैयार हैं और आगे भी अलग अलग तरह के प्रयोग वह करते रहेंगी।