नैनीताल जिले के जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा पहाडी विकास खण्डों के ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को प्रसव हेतु डोली से सडक अथवा चिकित्सालय तक लाने हेतु डोली व्यवस्था के लिए 10 लाख रूपये अवमुक्त किये गए हैं।
सडक से दूरस्थ गांव में कार्य करना जिला अधिकारी सविन बंसल की कार्यशैली में शुमार है। इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों मे हीे कैम्प लगाये जाते है ताकि दूरस्थ गांव के लोगो से उनका दोतरफा संवाद हो सके तथा ग्रामीण क्षेत्रो की वास्तविक समस्याए उनके सामने आ सकेें जिसका वह त्वरित निराकरण भी कर सकें। बता दें कि पूर्व में जिलाधिकारी द्वारा दूरस्थ इलाको मे जितने भी बहुउददेशीय शिविर लगाये उनमें से लगभग शतप्रतिशत जनसमस्याओं का निराकरण भी हुआ साथ ही इन शिविरो के माध्यम से अति कुपोषित बच्चे भी चिन्हित हुए, जिन्हें जिला अधिकारी सविन बंसल ने ईलाज के लिए राजघानी देहरादून के अस्पतालो मे भी भिजवाया गया।
नैनीताल उत्तराखंड का पहला जिला है जहां किसी जिलाधिकारी द्वारा संस्थागत प्रसव तथा गर्भवती महिला और शिशु की सुरक्षा के लिए डोली व्यवस्था को कारगर बनाते हुये इतनी बढी धनराशि स्वीकृत की गई है। जिलाधिकारी ने कहा है कि यदि और धनराशि की जरूरत पडेगी तो वह भी दी जायेगी। उन्होने कहा कि गर्भवती महिलाओं को त्वरित उपचार मिले व सुरक्षित संस्थागत प्रसव से जच्चा-बच्चा मृत्यु दर भी घटेगी और आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के एक किमी से अधिक पैदल सभी गांवों मे गर्भवती महिलाओं के लिए डोली सुविधा होगी।
जिलाधिकारी द्वारा यह राशि मुख्य चिकित्साधिकारी को जारी की गई है।