विहान के कलाकारों ने स्थानीय उदयशंकर गीत एवं संगीत अकादमी में उत्तराखंड की वीर महिला जियारानी के चरित्र पर केंद्रित नाटिका का मंचन किया। जियारानी, उत्तराखंड की ऐसी ऐतिहासिक महिला रही हैं, जिन्होंने तुर्की सेना से युद्ध लड़ा। जियारानी, महिला सशक्तिकरण को लेकर भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।
विहान दल के कलाकारों की प्रस्तुति बहुत शानदार रही। कलाकारों के हुनर ने यह सिद्ध किया कि अल्मोड़ा कलाकारों की भूमि है।
इस मंचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी, रंगकर्मी त्रिभुवन गिरी महाराज, श्रीमती चंचल तिवारी, सूचनाधिकारी अजनेश राणा आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी ने कलाकारों को संबोधित करते हुए कहा कि विहान के कलाकारों के प्रदर्शन से उस समय की परिस्थिति का अनुभव किया। भावविभोर कर देने वाली इस प्रस्तुति ने भावुक कर दिया। कलाकारों के संबंध में कहा कि सांस्कृतिक भूमि में कलाकारों का एक लंबा इतिहास रहा है। इस भूमि में बड़े अच्छे कलाकारों ने रंगमंच को सींचा है। इसी कड़ी में इस प्रस्तुति ने रंगमंच की दुनिया को समृद्ध किया है। उन्होंने कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से प्रभावित होकर ₹5100 (इक्यावन सौ) की धनराशि उपहार स्वरूप भेंट की, और कहा कि कलाकार इसी तरह इस भूमि की परंपरा को बनाये रखें।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा में परफार्मिंग आर्ट पाठ्यक्रम के संचालन के संबंध में कहा कि कलाकारों को मंच देने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा परफार्मिंग आर्ट पाठ्यक्रम के संचालन के लिए प्रस्ताव बना दिये गए हैं। भविष्य में परफार्मिंग आर्ट्स के पाठ्यक्रमों के संचालन हो सकेगा।
इस अवसर पर अन्य अतिथियों ने भी कलाकारों की सराहना की और उन्हें अपने आशीर्वचन दिए।
इस अवसर पर डॉ नवीन भट्ट, मनमोहन चौधरी, महेंद्र मेहरा, संदीप नयाल, ममता वाणी, ध्रुव टम्टा, गोकुल बिष्ट, डॉ ललित जोशी, नरेश बिष्ट, कमल कांडपाल, डॉ हयात रावत, नीरज पांगती, अमित बिष्ट आदि रंगकर्मी, जनप्रतिनिधि व गणमान्य नागरिक शामिल थे।