आज दिनांक 16 जनवरी 2021 को योगनिलियम शोध संस्थान द्वारा आयोजित दस दिवसीय निशुल्क योग शिविर /कार्यशाला के चतुर्थ दिवस रविवार को विशेष आमंत्रित विषय विशेषज्ञ अनिल ढोढियाल पूर्व विभाग संगठन मंत्री संस्कृत भारती द्वारा संस्कृत सम्भाषन,वस्तु परिचय कराया गया अनिल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत भारत की ही नहीं विश्व की सर्वप्रथम भाषा है किंतु दुर्भाग्य से आधुनिक काल में इसकी उपेक्षा की जा रही है। योगनीलियम के द्वारा योग के साथ संस्कृत का प्रचार प्रसार करना एवं वैदिक शिक्षा वेद उपनिषद दर्शन के दिशा में सराहनीय प्रयास किया जा रहा है यदि संस्कृत के प्रति लोगों का प्रेम जागेगा तो संस्कृत के प्रति स्वाभाविक प्रेम उत्पन्न होगा। अनिल ने आगे कहा कि संस्कृत को विश्व की अन्य भाषाओं की जननी माना जाता है। दुनिया भर में सिर्फ संस्कृत ही एक ऐसी भाषा है जो पूरी तरह से ठीक है इसका कारण इसकी सर्वाधिक शुद्धता है कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के लिए संस्कृत को ही सबसे उपयुक्त भाषा माना जाता है संस्कृत ऋग्वेद की भाषा है। नासा का कहना है कि 6th व 7th Generation super computer ( सुपरकंप्यूटर) संस्कृत भाषा पर आधारित है। जर्मनी के 14 विश्वविद्यालय भी संस्कृत की शिक्षा उपलब्ध करा रहे है। यूनेस्को ने भी माना है कि संस्कृत भाषा में वैदिक जप मानव मन शरीर और आत्मा पर गहरा प्रभाव डालते हैं संस्कृत पढ़ने से स्मरक शक्ति तेज होती है। अनिल ने आज की कार्यशाला में संस्कृत के महत्व के साथ संस्कृत संभाषण व संस्कृत गीत का भी विद्यार्थियों को अभ्यास कराया आज प्रातः काल एवं सायं काल के योगाभ्यास सत्र में आसन के अंतर्गत विश्वामित्र भारद्वाज आसन विश्वामित्र आसन, हलासन नौकासन बद्ध पद्मासन सूर्यभेदन प्राणायाम आदि तथा ध्यान के अंतर्गत कार्य स्थित अभ्यास विद्यार्थियों को कराया।
इस अवसर पर निकिता, गरिमा, हिमांशु, भावना पांडे, नैना, प्रियंका जोशी, अखिलेश मिश्रा आदि प्रशिक्षक उपस्थित रहे।