“जीरो वर्क CM का जीरो विज़न बजट” – आप प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी

आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी ने आज प्रस्तुत हुए बजट को जीरो वर्क CM का जीरो विज़न बजट बताया है और कहा की अगर हम बात करें तो इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र में कोरोनाकाल के बाद भी मात्र 5.5% बजट दिया है, जबकि कई महिलाएं पूरे प्रदेश में वेंटिलेटर के अभाव में दम तोड़ रही हैं, जबकि दिल्ली में 13.33% बजट स्वास्थ्य के लिये दिया जाता है।

शिक्षा में 2,500 स्कूल बंद हुए है, तो खेल, आर्ट, कल्चर और शिक्षा तीनो के लिये मात्र 16% बजट दिया गया है, जबकि दिल्ली में 24.33% बजट शिक्षा में खर्च किया जाता है।

अमित ने आगे कहा की डोईवाला में अस्पताल का निजीकरण करना ये दर्शाता है कि सरकार सरकारी अस्पतालों के कितने खिलाफ है। रोजगार के नाम पर अपनी छाती थपथपाने वाली सरकार ने 9 लाख बेरोजगारों के लिये कोई विज़न नहीं दिखाया है। यहां तक कि जोशीमठ आपदा में उजागर हुए प्रशासनिक निकम्मेपन को ढंकने के लिए भी
आत्मप्रशंशा का सहारा लिया गया है।

जोशी ने कहा की जिन योजनाओं की पोल पूरे प्रदेश में आए दिन खुल रही हैं, मुख्यमंत्री ने अपने पूरे बजट भाषण में उनका ही गुणगान किया है। कोरोना महामारी के बाद आए इस बजट से प्रदेश की जनता बड़ी उम्मीदें लगाए हुई थी, लेकिन जनता के हाथ एक बार फिर निराशा ही आई है।

आप प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी ने कहा की कोरोना महामारी के बाद प्रदेश के लाखों युवा बेरोजगार हुए हैं, पर्यटन उद्योग को बड़ा नुकसान पहुंचा है, छोटे-बड़े उद्यमियों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है, ऐसे में सरकार से एक मरहम लगाने वाले मददगार बजट की अपेक्षा थी, लेकिन इस बजट ने इस उम्मीद को ही तोड़ दिया है। रोजगार से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में कुछ भी नया नहीं है। न तो जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि का प्रावधान किया गया है और न ही यह बताया गया है कि पुरानी योजनाओं को पूरा करने के लिए पैसे कहां से आएंगे।

जोशी ने कहा की जहां एक तरफ राज्य की माली हालत दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है, वहीं त्रिवेंद्र सरकार यह बताने में नाकाम रही है कि आय के स्त्रोत कैसे बढ़ाएगी। इस बजट में न तो पिछली गलतियों से सबक सीखा गया है और न ही आने वाले कल को लेकर कोई विजन है। एक वाक्य में कहें तो यह ‘जीरो वर्क सीएम का जीरो विजन’ वाला बजट है। ये पूरी तरह से निराशाजनक बजट है।