आप प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी लगातार अल्मोड़ा को गैरसैंण में शामिल करने का विरोध करते आ रहे हैं। आज उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि बीजेपी ने अल्मोड़ा और कुमाऊं की जनता से विश्वासघात किया और अल्मोड़ा सांस्कृतिक नगरी जो कुमाऊं का मस्तक है उसे कुमाऊं से अलग करने का काम किया जिसका वहां की जनता के साथ आम आदमी पार्टी भी लगातार विरोध कर रही है।अमित जोशी ने कहा की कुमाऊं और अल्मोड़ा की जनता की भावनाओं के साथ किए गए इस खिलवाड़ पर आप उपाध्यक्ष ने सरकार से इस फैसले को बदलने की मांग की है। उन्होंने सूबे के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मांग की है कि गैरसैंण में कमिश्नरी के बजाय इसे स्थाई राजधानी घोषित कर पुराने फैसले को वापिस लिया जाए ताकि अल्मोड़ा के साथ साथ कुमाऊं की जनभावनाओं का सम्मान हो सके। यही नहीं उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा अगर सरकार उनकी कमिश्नरी को वापिस लेने की मांग को जल्द ही नहीं मान लेती तो वो 14 मार्च सुबह 11 बजे से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे। आप कार्यकर्ताओं का ये आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कुमाऊं और अल्मोड़ा के जनभावनाओं का सम्मान करते हुए इस फैसले को वापिस न लिया जाए।
उन्होंने कहा कि गैरसैंण को कमिश्नरी बनाकर चार जिलों को उसमें समायोजित किया गया है जिनमें रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और अल्मोडा शामिल हैं। लेकिन अल्मोडा को इस नई कमिश्नरी में शामिल किए जाने के बाद से ही पूरे कुमांऊ मंडल में इसका विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया है। इससे सिर्फ आजमन ही नाराज नही हैं बल्कि कुमाऊं के बीजेपी सांसद, मंत्री, विधायक भी नाराज हैं। जबकि अल्मोड़ा को उन्होंने कुमाऊं का अभिन्न अंग बताते हुए इसे कुमाऊं से अलग करके सरकार ने यहां के लोगों के साथ विश्वास घात किया है। अल्मोड़ा के बगैर कुमाऊँ मंडल की परिकल्पना भी नही की जा सकती। यह हमेशा से कुमाऊँ की संस्कृति का गढ़ रहा है ओर सरकार ने कुमाऊँ के लोगों के साथ साथ यहां की संस्कृति पर भी कुठाराघात किया है यह अल्मोडा के हर निवासी का मानना है और उन्हे कुमाऊँनी होने पर गर्व है। चाहे विश्वविख्यात कुमाऊंनी होली हो, चाहे अल्मोडा का विख्यात कुमाऊँनी दशहरा, कुमाऊँनी रामलीला हो, अल्मोड़ा की कुमाऊनी बाल मिठाई हो, अल्मोडा वासियों ने हर रूप में कुमाऊं को जिया है।
अमित जोशी ने कहा एक तरफ गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने की घोषणा की गई जबकि दूसरी तरफ गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के एक साल होने पर सरकार द्वारा वहां कोई भी प्रशासनिक अमले को पहुंचाने में नाकाम रही है। ये केवल घोषणाओं तक सीमित दिखाई दे रही जबकि अगर सरकार वाकई में गैरसैंण के लोगों के जनभावनाओं का सम्मान चाहती तो वो उसे पहले स्थाई राजधानी घोषित किया जाना था जिसकी मांग आप लगातार करती आ रही है। आप कमिश्नरी घोषित करने को लेकर सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना भी करती है। उन्होंने कहा कि सरकार गैरसैंण को स्थाई राजधानी के मुद्दे सेे भटकाकर कमिश्नरी घोषित कर जनता के साथ छलावा कर रही है।
आप उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार का गैरसैंण को कमिशनरी घोषित करने का फैसला समझ से परे है। आज तक सरकार पौड़ी में स्थाई कमिश्नर नही बैठा पाई तो गैरसैंण कमिश्नरी का फैसला महज छलावे से ज्यादा कुछ साबित नहीं होने वाला है। इस फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी पहले ही दिन से मुखर है और जनता के साथ शुरु से ही इसके खिलाफ संघर्ष किया है और आप पार्टी का ये संघर्ष और आप उपाध्यक्ष का कमिश्नरी के फैसले को वापिस न लेने तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा जब तक सरकार गैरसैंण को कमिश्नरी घोषित करने के फैसले को वापिस नहीं ले लेती है। आप उपाध्यक्ष ने कहा गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित कर सरकार को उत्तराखंड की जनता का और उनकी जनभावनाओं का सम्मान करना चाहिए।