“समय देखो कैसे बदल रहा है” – आशीष पंत द्वारा पीरियड्स पर किये गए शोध को लेकर लिखी युवा कवियत्री अंकिता पंत की स्वरचित कविता

समय देखो कैसे बदल रहा है

जिन बातों से झिझकते थे 

कि कहीं कोई पुरुष सुन ना ले 

उन्ही मुद्दों को आज नवयुवक उजागर कर रहा है 

समय देखो कैसे बदल रहा है। 

 

कुछ रास्ते अधूरे,कुछ ज्ञान अधूरा 

रोशनी की भी जहाँ आश नही थी 

कुछ पुरानी मानसिकता को बदलने में 

वो इक नई दिशा को चुन रहा है 

समय देखो कैसे बदल रहा है । 

 

माना वक्त लगा बहुत ,बदलाव नया सा आने में 

बदली सोच, बदला जमाना नई सोच अपनाने में 

जिन मुद्दों को दबाया गया समाज में, 

 वही विचार, आज शोध का विषय बन रहा है 

समय देखो कैसे बदल रहा है । 

               अंकिता पंत ✍