आरटीआई अधिनियम के कार्यान्वयन पर एक नई रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में आरटीआई आवेदकों के उत्पीड़न और हत्या के मामले बढ़ रहे हैं, और आने वाले वर्षों में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे बड़ी चुनौती है।
आरटीआई दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को जारी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 15-16 वर्षों में, कम से कम 95-100 आरटीआई आवेदकों की हत्या हुई है, जबकि 190 अन्य पर हमला हुआ है, साथ ही दर्जनों ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया (टीआईआई), द्वारा ‘स्टेट ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट 2021’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार जान गंवाने वाले आरटीआई कार्यकर्ताओं और सूचना चाहने वालों पर कोई डेटा नहीं रखती है।बयान में कहा गया है, “आने वाले वर्षों में सबसे बड़ी चुनौती सूचना चाहने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है क्योंकि देश भर में आरटीआई आवेदकों के उत्पीड़न और हत्या के मामले बढ़ रहे हैं।”
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