ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI) हवालबाग में 10 दिवसीय मौन पालन, प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर प्रशिक्षक कमला भंडारी ने युवाओं व महिलाओं को रोजगार स्वरोजगार के साथ ही दैनिक जीवन के लिये बताए मौनपालन के फायदे 

दिनांक 11 अक्टूबर 2021 से प्रारंभ ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI) हवालबाग में मौन पालन का प्रशिक्षण शिविर का समापन कल 21 अक्टूबर 2021 को हुआ। जिसमें प्रशिक्षक कमला भंडारी द्वारा स्वरोजगार हेतु अनेकों युवाओं व महिलाओं को मौनपालन का प्रशिक्षण दिया गया।

कमला भंडारी ने बताया कि वर्तमान समय में महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की अत्यंत जरूरत है जिसके तहत मौनपालन एक बेहद उपयोगी स्वरोजगार है। उसमें हम कुछ सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए भली प्रकार मौन पालन का कार्य कर सकते हैं जिससे आय का एक साधन प्राप्त हो सके।

मौन पालन से प्राप्त शहद बेहद उच्च क्वालिटी और जैविक होता है जिसकी हमारे देश में ही नहीं विदेशों में भी भारी मांग होती है। इसलिए युवाओं व महिलाओं को मौन पालन का प्रशिक्षण अवश्य लेना चाहिए। वैश्विक महामारी कोरोना में इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने हेतु शहद की सर्वाधिक मांग रही। इसका उपयोग अनेकों बीमारियों को दूर करने तथा स्वास्थ्य लाभ के लिये भी किया जाता है।कृषि कार्यों में मधुमक्खियों बहुत उपयोगी सिद्ध होती है परागण के माध्यम से उत्तम व गुणवत्तापूर्ण कृषि संभव है।

कमला भंडारी ने बताया कि दैनिक दिनचर्या में अतिआवश्यक साधन मोमबत्ती, साबुन, कास्मेटिक इत्यादि भी मधुमक्खी द्वारा उत्पादित मोम से ही संभव होता है। इसलिए मौनपालन बहुत उपयोगी साबित होता है।

साथ ही उन्होंने ग्रामीण स्वरोजगार संस्थान (RSETI) की भी प्रशंसा की कि उनके द्वारा समय-समय पर मौन पालन इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जाता है।

इस अवसर पर प्रशिक्षणकर्ता कमला भंडारी तथा RSETI से हरीश सती, राजेन्द्र रावत, भारद्वाज जी तथा प्रशिक्षण लेने वाल़ो में अशोक कुमार, हिमांशु जोशी, भरत आर्या, संदीप इत्यादि लोग मौजूद रहे।