लगातार विद्यार्थियों और शिक्षकों को सम्मानित कर उनका मनोबल बढा रहे हैं पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक

शिक्षकों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिये गये अतुल्य योगदान तथा कर्मचारियों के सहयोग व छात्र/छात्राओं की कोरोना काल में तनाव के बाद भी कठिन परिश्रम से अर्जित की गयी शिक्षा के प्रति उन्हें प्रोत्साहित करने एवं उनके मनोबल को बढाने के लिये उन्हें वरिष्ठ कांग्रेसी नेता/पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक द्वारा लगातार सम्मानित किया जा रहा है। कर्नाटक द्वारा इस मुहिम के अन्तर्गत अधिकांश विद्यालयों को सम्मानित किये जाने का कार्य किया गया तथा शेष विद्यालयों को चिन्हित कर उन्हें प्रेरित करने हेतु सम्मान समारोह का आयोजन लगातार किया जा रहा है। इसी के तहत आज विधानसभा अल्मोडा के राजकीय इन्टर कालेज स्यालीधार के सम्मान समारोह में 105 शिक्षकों/कर्मचारियों, विद्यार्थियों तथा अभिभावकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। सम्मान समारोह में श्री कर्नाटक ने सभी शिक्षक /कर्मचारियों तथा छात्राओं, अभिभावकों का स्वागत, अभिनन्दन किया। कार्यक्रम को प्रारम्भ करते हुये उन्होने शिक्षकों /कर्मचारियों, आंगनबाडी कर्मचारियों,भोजन माताओं को अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेंट किये। तदुपरान्त मेधावी विद्यार्थियों को मेडल से सम्मानित करते हुये अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया। 

विद्यालय स्टाफ तथा विद्यार्थी इस सम्मान से अति उत्साहित दिखाई दिये उन्होंने इस सम्मान की भूरि-भूरि प्रशंसा की। प्रधानाचार्या ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाने से शिक्षकों/कर्मचारियों एवं छात्र/छात्राओं का मनोबल बढेगा तथा वे प्रोत्साहित होकर शिक्षा के क्षेत्र में अपना और अधिक योगदान देंगे। उन्होंने पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक का स्वागत करते हुये आभार प्रकट कर उन्हें धन्यबाद प्रेषित किया कि उनके द्वारा यह सराहनीय कदम उठाकर शिक्षकों/कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को सम्मानित किये जाने की एक अच्छी पहल की शुरूआत की है। इससे छोटी कक्षाओं के विद्यार्थी भी   भविष्य में बोर्ड परीक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त कर इस सम्मान के हकदार बनने हेतु प्रोत्साहित होंगे। 

कर्नाटक ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि आप और आगे बढें और आने वाले समय में शिक्षा क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर भारत का नाम रोशन करें तथा अपने जीवन को सही दिशा में ले जाने का कार्य करेंगे। बिना मेहनत के पढाई करने से अच्छी सफलता पाने की उम्मीद करना बिना दौड के मैराथन जीतने की उम्मीद करना है। अतः विद्यार्थियों को कठोर परिश्रम करने, अनुशासित रहने, मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने व अपने को कुसंगति से बचाते हुये एक आदर्श विद्यार्थी बन कर अपने माता-पिता व गुरूओं के गौरव को बढाना चाहिये। 

कर्नाटक ने अपने संवाद में कहा कि गुरू ही शिक्षण के साथ-साथ विद्यार्थियों के चरित्र का निर्माण करने के साथ ही उनमें अच्छे नैतिक मूल्यों और आदर्शो का विकास भी करते हैं। साथ ही शिक्षक अपने छात्रों के व्यक्तित्व को समान रूप से सुधारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन को न सिर्फ वास्तविक आकार देते हैं बल्कि उन्हें इस काबिल बनाते हैं कि छात्र पूरी दुनियां में अंधकार होने के बाद भी प्रकाश की तरह जलते रहें जिससे हमारा राष्ट्र ढेर सारे प्रकाश के साथ प्रबुद्व हो सके। इसीलिये भारत देश में सभी शिक्षकों को सम्मान दिया जाता है साथ ही हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का हाथ होता है। मेहनत, लगन और उचित मार्गदर्शन से सफलता अवश्य मिलती है विद्यार्थियों में लक्ष्य प्राप्ति के लिये स्वयं पर विश्वास होना भी जरूरी है। उन्हेांने कहा कि कोरोना काल में मेहनत कर सफलता अर्जित करने में विद्यार्थियों की कडी मेहनत दिखाई दी और सफलता के लिये आत्मविश्वास भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सम्मान समारोह गुरूओं के सम्मान और छात्र/छात्राओं से संवाद कर उन्हें प्रोत्साहित किये जाने का कार्यक्रम है।   

इस अवसर पर मुख्य रूप से गौरव काण्डपाल, देबेन्द्र प्रसाद कर्नाटक, हेमचन्द्र जोशी, गौरव अवस्थी, शुभम जोशी, रोहित शैली, धीरज बिष्ट, प्रकाश मेहता, रोहित बिष्ट, रश्मि काण्डपाल, किरन कोरंगा, हर्षिता तिवारी, आशा मेहता, सीता रावत आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन चित्रा कश्यप द्वारा किया गया।