चंद वंश की बहु कनक चंद ने “चंद रत्न पुरस्कार” प्रारंभ कर रचा नया इतिहास

श्री आनंद आश्रम द्वारा संचालित बाबा नीबकरोरी वृद्ध आश्रम के छठवें स्थापना दिवस पर विभूतियों का सम्मान किया गया। आयुक्त कुमायूं मंडल ने विभूतियों को शाल, सम्मान पट्टिका, सम्मान पत्र, ट्रॉफी और 11 हजार रुपये की धनराशि भेंट देकर सम्मानित किया। श्री आनंद आश्रम के तत्वावधान में बाबा नीब करोरी वृद्धाश्रम का छँटा स्थापना दिवस का आयोजन आश्रम प्रांगण में भव्य तरीके से किया गया।

कार्यक्रम में सबसे पहले कनक चंद अधिवक्ता मनीष चंद पुत्र आदित्य चंद तथा नारायण दत्त पलड़िया के परिवार ने हवन किया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में दीपक रावत (आयुक्त, कुमाऊं मंडल) ने शिरकत की। तो वही दीप प्रज्वलित कर अति विशिष्ट अतिथि के रूप में बेला तोलिया (जिला पंचायत अध्यक्ष) और व्यवसायी प्रमोद तोलिया ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथियों ने कहा की वृद्धजनों की सेवा आज के समय में सबसे बड़ी सेवा है उनके आशीर्वाद से ही हम सभी प्रगति के पथ पर अग्रसर होते हैं।

चंद वंश के राजा सोमचंद की स्मृति में दिए गए सम्मान

इतिहास में प्रथम बार चंद राजवंश के संस्थापक महाराजा सोम चंद की स्मृति में चंदवंश की बहु कनक चंद की पहल से संस्था द्वारा “चंद रत्न पुरस्कार” से 4 अति श्रेष्ठ और ओजस्वी व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। जिसमें पदम् श्री यशोधर मठपाल (साहित्यकार, रॉक व केव आर्ट संरक्षणवादी), कर्नल मनोहर सिंह चौहान (वीर चक्र व सेना मेडल प्राप्त, वर्तमान में सोशल वर्क), मास्टर समृद्घ चंद ठाकुर (अंतरराष्ट्रीय गोल्फ खिलाड़ी) और लक्ष्य सेन (अंतराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी) को चंद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार के तौर पर सॉल, सम्मान पत्र, ट्रॉफी, पौधा और 11 हजार रुपए की धनराशि भेंट की गई।

उत्कर्ष कार्य करने वाले 4 सीनियर सिटीजन विभूतियों को मिला सम्मान

समाज की उन्नति और विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहे 4 कुशल प्रतिभाशाली व्यक्तित्व, आशा शैली को साहित्य के क्षेत्र में, शांति जीना, को कन्या विवाह और शिक्षा के क्षेत्र में आचार्य पुष्कर चन्द्र भट्टट, को धार्मिक उत्थान के क्षेत्र में डॉ. कृष्णा साह को चिकित्सा के क्षेत्र में सम्मानित किया गया। इसी के साथ एक विशिष्ट सम्मान से गोमूत्र क्रांति के संस्थापक प्रदीप भंडारी को गोमूत्र से आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के लिये और 

 रोहित जोशी को बेहतरीन कार्यकर्ता के रूप में कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। वही संस्था के संस्थापक श्री टी एस रावत और पूर्व सदस्या श्रीमती माधवी रावत को भी कमिश्नर नैनीताल ने सम्मानित किया। आप दोनों श्रीमती कनक चंद जी के माता पिता है जिनकी अच्छे संस्करों के कारण ही कनक चंद निरंतर अच्छे और बड़े कार्यो को सम्पादित कर रही हैं। सभी पुरस्कार को दीपक रावत और अध्यक्ष कनक चंद द्वारा सयुक्त रूप से दिया गया। 

कार्यक्रम का प्रारंभ हवन से हुआ फिर सुंदर कांड और भजनों की प्रस्तुति हुई। सम्मान कार्यक्रम के बाद छोलिया नृत्य से कार्यक्रम का समापन हुआ। छोलिया नृत्य ने सभी का दिल जीता। प्रमोद जोशी व उनकी भजन मंडली ने शमा बांध दिया जिसमें सभी भक्त झूमने को मजबूर हो गए। मुख्य अतिथि ने श्रीमती कनक चंद की पहल में प्रारंभ किये गए चंद रत्न पुरस्कार की भूरी-भूरी प्रशंसा की और पुरस्कार और सम्मान प्राप्त सभी व्यक्तियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। साथ ही वृद्ध जनों की शानदार तरीके से सेवा करने के लिए श्री आनंद आश्रम परिवार की प्रशंसा भी की।

अंत में आश्रम अध्यक्ष कनक चंद ने मुख्य अतिथि, अति विशिष्ट अतिथि, आये हुए सभी महान जनों और आये हुए सभी भक्तजनों का पत्रकारो दानकर्ताओं का हार्दिक धन्यवाद प्रेक्षित किया। और आगे के वर्ष में भी चंद रत्न पुरस्कार को निरंतर करते हुए हर साल समाज में उत्कृष्ट योगदान देने और शानदार कार्य करने वाले महाजनों को यह पुरस्कार देते रहने की बात कही। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण छोलिया नृत्य रहा जिसकी प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का कुशल संचालन हेमंत बिष्ट ने किया। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सभी सम्मानित जन को पौधा गमले सहित भेंट किया गया जिसका सहयोग मदन सिंह बिष्ट ने व्यक्तिगत तौर पर किया।पुरस्कार राशि का सहयोग चंद परिवारों ने मिलकर किया। बाकी पूरे कार्यक्रम के लिए हल्द्वानी के सहयोगियों जे अपना अपना सहयोग प्रेषित किया।

 कनक चंद ने धन्यवाद भाषण में अतिथियों, भक्तजनों, पत्रकारों, सहयोगियों कार्यकर्ताओं स्टाफ मेम्बर्स आदि सभी का धन्यवाद किया।कार्यक्रम में मदन सिंह बिष्ट, मनीष चंद सूचना विभाग अधिकारी, सुमित्रा प्रसाद, प्रमोद तोलिया, नारायण पलड़िया, शक्ति प्रसाद सकलानी, नारायण मठपाल, सुशील भट्ट, अजय चौहान, रवि दुर्गापाल, दीप्ति खर्कवाल, हरीश भाकुनी, गौरव गुप्ता ममता, भावना, यशिका, बालम, कमलेश, प्रीति, रोहित जोशी मौजूद रहे।