शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले विश्वविद्यालय परिसर में कचरे का ढेर, सोबन सिंह जीना परिसर छात्रावास के सामने एकत्रित ढेर सारा कचरा

अल्मोड़ा: अल्मोड़ा जनपद में स्थित सोबन सिंह जीना विश्ववविद्यालय आये दिन विभिन्न प्रकार की समस्याओं एवं आंदोलनों को लेकर चर्चा के विषय में प्रमुख रूप से रहता है। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय को 2 वर्ष पूर्व कुमाऊँ विश्वविद्यालय से अलग कर नये विश्वविद्यालय के रूप में पहाड़ के लोगों के लिए संजीवनी के रूप में प्रस्तुत किया गया था। पर जहाँ संजीवनी ने त्रेतायुग में लक्ष्मण की जान बचाने का काम किया वहीं सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में फैला कचरा लोगों के लिए सरदर्द बना हुआ है।

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर में छात्रावासों के बाहर ढेर सारा कचरा पड़ा हुआ है जिसे न ही वहां से हटाने का काम किया जा रहा है न ही उसे नियमित रूप से साफ किया जा रहा है।

बतातें चलें कि कचरा इतनी मात्रा में है कि आसपास के लोगों का उस रास्ते से जाना भी मुश्किल हो रहा है। जेएनयू के तर्ज पर बने विश्वविद्यालय की ऐसी कल्पना तो शायद किसी ने नहीं सोची होगी।

आपको बता दें कि गांधी जयंती के दिन से ही देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के तहत देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए गए। सफाई अभियान चलाए गए, लेकिन ऐसे अभियानों से सफाई व्यवस्था कायम नहीं हो सकती, क्योंकि लोग जागरूक नहीं हैं। अगर लोग जागरूक होंगे और घरों के कूड़े कचरे को निर्धारित स्थानों या फिर कूड़ेदानों में डाल अपनी जिम्मेवारी का निर्वाह करेंगे, तो स्वच्छता अभियान जरूर सफल हो पाएगा।

फिलहाल इस मामले में ये सोचना जरूरी है कि विश्वविद्यालय के अंदर ही कचरा फेंक कौन रहा है क्या ये विवि के लोग हैं या विवि के आस पास रहने वाले स्थानीय निवासी, जो विश्वविद्यालय परिसर में कचरा फैंक रहे हैं। इसके साथ ही विश्वविद्यालय चारों तरफ से झाड़ियों से घिरा हुआ है जहाँ भांग के पेड़ जंगली पौधे देखने को मिल रहे हैं।

परिसर प्रशासन इस मामले को कितनी संजीदगी के साथ लेता है ये भी देखने योग्य होगा क्योंकि शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले विश्वविद्यालय में अगर इस तरह से कूड़ा-कभार, कचरा देखने को मिलेगा तो बाकी समस्याओं को लेकर बात करना तो बहुत बड़ी बात होगी।