एसएसजे विश्वविद्यालय के दृश्यकला संकाय एवं चित्रकला विभाग में हिमालयी पर्यावरण विषय पर चार दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय परिसर अल्मोड़ा के दृश्यकला संकाय एवं चित्रकला विभाग में चार दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी (16 अगस्त से 19 अगस्त) का शुभारंभ हिमालयी पर्यावरण विषय पर G-20 के अंतर्गत हुआ। प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न राज्यों के कलाकारों के साथ विश्वविद्यालय के युवा कलाकारों द्वारा भाग लिया गया। संकायाध्यक प्रोफेसर सोनू द्विवेदी जी ने हिमालयी पर्यावरण प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए यह कहा कि अगर हमारे हिमालय सुरक्षित रहेंगे तो हमारा जीवन भी सुरक्षित रहेगा।

प्रदर्शनी संयोजक एवं अधिष्ठाता शैक्षिक प्रो० शेखर चंद्र जोशी ने G-20 के अंतर्गत हुई इस प्रर्दशनी की रूप रेखा रखने के साथ मुख्य अतिथि परिसर निदेशक प्रोफेसर प्रवीण सिंह बिष्ट, प्रतिनिधि कुलसचिव के रूप में देवेंद्र सिंह बिष्ट, संकायाध्यक प्रो० सोनू द्विवेदी, डॉ० संजीव आर्या, अथिति व्याख्याता कौशल कुमार, चंदन आर्या, रमेश चंद्र मौर्या, शोध विद्यार्थी सुरभि शर्मा, योगेश सिंह डसीला, हितेश कुमार, कर्मचारी पूरन सिंह मेहता, संतोष सिंह मेर, जीवन चंद्र जोशी, समस्त छात्रसंघ पदाधिकारी, चित्रकला विभाग एवं दृश्यकला संकाय के समस्त विद्यार्थियों, मीडिया प्रभारियों का आभार व्यक्त किया। प्रतिनिधि कुलसचिव के रूप में देवेंद्र सिंह बिष्ट ने हिमालय पर्यावरण प्रदर्शनी में प्रतिभाग करने वाले सभी कलाकारों की प्रशंसा करते हुए उनके कार्यों को नई ऊंचाई तक ले जाने का संदेश दिया। इस प्रर्दशनी में कार्य की व्यवस्थता के कारण कुलपति प्रोफ़ेसर जगत सिंह बिष्ट के स्थान पर परिसर निदेशक प्रोफेसर प्रवीण सिंह बिष्ट जी ने प्रर्दशनी का उद्घाटन किया प्रो० बिष्ट ने हिमालय की महत्ता को समझाते हुए कलाकारों द्वारा बनाए गए चित्रों की सराहना कर उनके उज्वल भविष्य की कामना की। प्रोफ़ेसर बिष्ट ने प्रोफ़ेसर शेखर चंद्र जोशी द्वारा बनाए गए सुंदरलाल बहुगुणा जी के चित्र जो 1992 में बनाया गया था तथा जिस में सुंदर लाल बहुगुणा ने अपने हस्ताक्षर के साथ हिमालय बचाओ मानव बचाओ लिखा की सराहना की। अंत में डॉ० संजीव आर्या ने धन्यवाद ज्ञापन किया।