श्री भुवनेश्वर महादेव मंदिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोडा की नवम दिवस की रामलीला में रावण-कुम्भकर्ण संवाद, कुम्भकर्ण वध, मेघनाद यज्ञ, मेघनाद-लक्ष्मण संवाद, मेघनाद वध, रावण विलाप, सुलोचना सती आदि मुख्य आकर्षण रहे। देर रात्रि तक दर्शक दीर्धा में उपस्थित दर्शकों ने लीला का आनन्द लिया व कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
नवम दिवस की लीला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पवन पाठक(पवन पहाड़ी) विख्यात हास्य कलाकार एवं यूट्यबर, रंजना पंत पाठक सी.ए. तथा आकाश कनौजिया प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं समाजसेवी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया। मुख्य अतिथियों ने अपने सम्बोधन में कहा कि रामलीला समिति के संरक्षक/संयोजक बिट्टू कर्नाटक ने अथक प्रयासों से यहां की रामलीला मंचन को उच्च मुकान दिलवाया जिसके फलस्वरूप कर्नाटक खोला की रामलीला अल्मोडा की उत्कृष्ठ रामलीला होने के साथ ही भव्य मंच के लिये जानी जाती है।
इस अवसर पर विख्यात हास्य कलाकार पवन पहाड़ी ने अपनी हास्य कविता से सम्बंधित कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।
राम की पात्र रश्मि काण्डपाल, लक्ष्मण-वैभवी कनार्टक, रावण-पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक, कुम्भकर्ण- दीपक कर्नाटक, मन्दोदरी- नेहा जोशी, सुलोचना-मिनाक्षी जोशी, मेघनाद -अखिलेश थापा, हनुमान -अनिल रावत, विभीषण -राहुल जोशी, निकुम्बला-पायल काण्डपाल, माल्यवन्त- मनोज कर्नाटक आदि ने जीवन्त अभिनय किया।
नवम दिवस की लीला में रावण –
कुम्भकर्ण, लक्ष्मण -मेघनाद संवाद तथा रावण विलाप मुख्य आकर्षण रहे। इन कलाकारों के जीवन्त अभिनय एवं संवादों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रामलीला का प्रसारण फेसबुक लाईव के माध्यम से भी किया गया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से दिनेश चंद्र लोहनी, कमलेश पाण्डे, सुरेश चंद्र जोशी, अशोक बनकोटी, नारायण दत्त तिवारी, गौरव कांडपाल, हंसा दत्त कर्नाटक, लीलाधर कांडपाल, पूरन चन्द तिवारी, एम.सी. कांडपाल, मनीष जोशी, एस.एस. कपकोटी, डा. करन कर्नाटक, मनीष तिवारी, भुबन चन्द्र पाण्डे, जगदीश चन्द्र तिवारी, कमलेश कर्नाटक, रजनीश कर्नाटक, हंसा दत्त कर्नाटक, बृजेश पाण्डे, प्रयाग दत्त जोशी, श्वेता कर्नाटक, कविता पाण्डे, पूनम कर्नाटक, महेश चंद्र कर्नाटक, बद्री प्रसाद कर्नाटक, रजनीश कर्नाटक, कौशल पाण्डे, देवेन्द्र जनौटी, गिरीश चंद्र लोहनी, कमल पालीवाल, गोकुलानंद जोशी, गिरजा भूषण काण्डपाल, नरेश जोशी आदि सहित भारी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन भावना मल्होत्रा एवं गितांजली पाण्डे द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।