सोच संस्था द्वारा धामस गांव में खोला गया पैड बैंक, ग्रामीण महिलाओं को हर माह निशुल्क रूप से प्राप्त होंगे सैनिटरी पैड्स 

सोच (सोसाइटी फ़ॉर ऑपर्च्युनिटी क्रिएशन एंड कम्युनिटी हेल्थ केयर ट्रस्ट) 28 मई को होने वाले अंतरराष्ट्रीय मासिक धर्म स्वच्छता दिवस को तीन दिवसीय कार्यक्रम के रूप में मना रही है। संस्था ने प्रथम दिन सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में वर्कशॉप का आयोजन किया। वहीं दूसरे दिन आज संस्था ने अल्मोड़ा स्थित धामस गांव में मासिक धर्म को लेकर जागरूकता अभियान चलाया एवं वहां पैडबैंक की शुरुआत की। 

बतातें चलें कि सोच संस्था मेंस्ट्रुल हेल्थ और हाइजीन को लेकर निरन्तर काम कर रही है। सोच संस्था के सचिव मयंक ने बताया कि धामस गांव में स्थापित पैडबैंक से गांव की कई महिलाओं को मदद होगी जो आज भी माहवारी की प्रकिया के दिनों में गंदे कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। सोच संस्था द्वारा स्थापित इस पैडबैंक से गांव में महिलाओं को मुफ्त में निरन्तर सैनिटरी पैड्स प्रदान किये जायेंगे। 

सोच संस्था द्वारा आयेजित जागरूकता कार्यक्रम में सोच संस्था की सदस्य हिमांशी द्वारा ग्रामीण महिलाओं को पैड्स का इस्तेमाल करने की सही विधि, पैड बदलने की अवधि एवं इससे संबंधित अनेक जानकारी मुहैया करवाई गई एवं सभी ग्रामीण महिलाओं को निशुल्क रूप से से सेनिटरी पैड्स उपलब्ध करवाए। 

ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह गैलाकोटी ने कहा की मासिक धर्म विषय पर समाज में फैली भ्रांतियों को लेकर सोच संस्था के युवा बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। हम सभी को सोच संस्था की इस मुहिम को निरंतर आगे बढ़ाने में उनका साथ देना चाहिए। 

ग्राम प्रधान भगवान सिंह ने कहा की सोच संस्था आगे भी मासिक धर्म विषय पर लगातार कार्य करेगी और विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों व गांवों में भी कैंप लगाकर जागरूकता और सामाजिक बदलाव की यह मुहिम लगातार जारी रहेगी। 

इस दौरान ग्राम प्रधान संगठन के जिला अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह गैलाकोटी, ग्राम प्रधान भगवान सिंह बिष्ट, आशा रोमा देवी, दीपा देवी, रेखा देवी, गोविंदी आदि ग्रामीण महिलाऐं मौजूद रही।

सोच संस्था की ओर से आशीष पंत, राहुल जोशी, मयंक पंत, हिमांशी, प्रियंका, दीपाली मौजूद रहे।