धैर्य, शील, शौर्य की ,
परिभाषा है नारी,
प्रेम, त्याग, ममता की,
पहचान है नारी,
लक्ष्मी का रूप,
शक्ति का स्वरूप,
दुष्टों के संहार को,
काली का अवतार है नारी।
घर को कर पूर्ण,
स्वर्ग बनाती है नारी,
रिश्तों को बांधकर
परिवार सजाती है नारी,
जीवन को सुरभित करती,
परिवर्तन का नाम है,
संस्कारों से परिपूर्ण ,
ममता की मूरत है नारी।
माँ, बहन, बेटी, पत्नी,
कई किरदारों का नाम है नारी,
जीवन का आधार है,
जिसमें समाई, सृष्टि है सारी
वेद पुराण भी करते,
सदैव नारीशक्ति का सम्मान
वंदन, अभिनन्दन,
नारीशक्ति को शत शत प्रणाम हैं।
– तरंगिनी रावत, देहरादून