योग करे हम योग करे दूर सभी हम रोग करे योग करें हम योग करें दूर सभी हम रोग करें। योग से मन स्वच्छ…
Category: साहित्य
“करे योग, भगाएं रोग” योग दिवस पर खुशनुमा परवीन की स्वरचित कविता
करे योग, भगाएं रोग योग है स्वस्थ जीवन का आधार, योग से दूर होती बीमारी, योग ही है सब रोगों की दवाई, करे योग भगाएं…
अल्मोड़ा लिट्रेचर फेस्टिवल को लेकर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा से मिला ग्रीन हिल्स ट्रस्ट परिवार
साहित्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की परंपरा को समर्पित प्रथम अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल 2023 अल्मोड़ा मे मनाया जाएगा। यह आयोजन ग्रीन हिल्स ट्रस्ट के तत्वावधान…
भिक्यासैन के करन रेखाड़ी ने पंच प्रण पर लिखी अद्भुत कविता….
पंच प्रण मां भारती की देख धरा मैं यूं द्रवित हो जाता हूं। वीर -वीरांगनाओं के वतन के विरासत से गर्वांवित हो जाता हूं।।…
एसएसजे विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक सचिव नितिन रावत के नेतृत्व में आयोजित होगा सांस्कृतिक महोत्सव उदभव, देखें पूरी खबर
आज दिनाक 22/5/2023 को अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय में अकादमिक सत्र 2022-23 के सांस्कृतिक महोत्सव की तिथि 12 जून से 14 जून निश्चित की गई।…
कवि सुमित्रानंदन पंत जयंती और लोककवि शेरदा अनपढ़ जी की पुण्यतिथि पर हुआ संगोष्ठी का आयोजन
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग में आज कविवर सुमित्रानंदन पंत जयंती और लोक कवि शेरदा अनपढ़ जी की पुण्यतिथि…
प्रख्यात रंगकर्मी एवं ब्लॉगर जया पांडे ने श्री रामलीला कमेटी कर्नाटक खोला की रामलीला की सराहना करते हुए महिला रामलीला के कलाकारों को किया सम्मानित
अल्मोड़ा- आज बैंगलोर से आई हुए वरिष्ठ रंगकर्मी, ब्लॉगर, कलाप्रेमी जया पांडे ने कर्नाटक खोला की महिला रामलीला के कलाकारों को सम्मानित किया। विदित…
“फौजी जिन्दगी” – राकेश उप्रेती की स्वरचित कविता
“फौजी जिन्दगी” अक्सर हर कोई कहता है फौजी से शादी कहां आसान होती है वह तो खुद में ही तूफान होती है उससे बात करने…
“अल्मोड़ा” – राकेश उप्रेती की स्वरचित कविता
💫 “अल्मोड़ा” चलो आओ तुम्हें आज अपना अल्मोड़ा घुमाऊँ मैं, अपने जिले से परिचित कराऊँ मैं कभी नंदा देवी तो कभी जागेश्वर धाम ले जाऊं…
विश्व कविता दिवस के अवसर पर पढ़ें डॉ. पूरन जोशी जी की स्वरचित कविताएं
विश्व कविता दिवस की शुभकामनायें! 1. सभ्यता हे सिंधु! तुम ही थी जिसके किनारे मेरे पूर्वजों ने संस्कृति के प्रथम पाठ पढ़े तुम्हारे शीतल जल…