देवो कि भूमि यह,
जहां अतभुत एहसास हैं,
कल-कल, झर-झर, नदी- झरने यहां,
हवाओ में भी मिठास हैं।
गंगा कि पवित्रता,
यहां चारो धाम हैं,
गुनगुनाती सुबह यहां की,
भक्तिमय-सी शाम हैं।
संजीवनी-सी जड़ी बूटियां,
यहां खूबसूरत उद्यान हैं,
संस्कृति का धनी यह,
यहाँ वेदों का ज्ञान हैं।
भारत का उत्तर का भाग यह,
कृषि और पर्यटन यहां कि पहचान हैं,
प्रेम भाव हर एक जन में यहां,
सादगी से रहता हर इंसान हैं।
उन सभी शहीदों को शत शत नमन,
जिनके प्रायसो ने यह प्रदेश बसाया हैं,
प्रकृति का आशीर्वाद जहा,
फिर उत्तराखण्ड का स्थापना दिवस आया हैं।
बस यूंही सभी देश-प्रदेशवासियों के,जीवन आनंद आते रहे,
सुख, समृद्धि, शांति, भाईचारा लिए हम सभी,
उत्तराखण्ड स्थापना दिवस,
यूंही मनाते रहे।।
मनोज भट्ट