रावण का घंमण्ड तोड हनुमान जी ने किया लंका दहन

श्री भुवनेश्वर महादेव रामलीला कमेटी कर्नाटक खोला अल्मोडा की सप्तम दिवस की रामलीला में राम-सुग्रीव मैत्री, बाली वध, रावण-सीता संवाद, अशोक वाटिका प्रसंग, अक्षय कुमार वध तथा लंका दहन संवाद व अभिनय मुख्य आकर्षण रहे। रामलीला मंचन के अभिनय व संवादों को रामलीला मैदान में उपस्थित सैकडों दर्शकों के साथ-साथ देश-विदेश के लोगों ने अपने घर बैठे आनलाईन देखा तथा मंचन से भाव विभोर हुये व रामलीला मंचन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। 

राम की पात्र दिव्या पाटनी, लक्ष्मण-किरन कोरंगा, सीता-रश्मि काण्डपाल, हनुमान-अनिल रावत, रावण-पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक, विभीषण-राहुल जोशी, बाली-गौरव जोशी, सुग्रीव-कमलेश बिष्ट, तारा-मीनाक्षी जोशी, अक्षय कुमार-अमर बोरा, त्रिजटा-निधि रावत आदि ने जीवन्त अभिनय किया। रावण-सीता तथा रावण-हनुमान संवाद, बाली-सुग्रीव युद्व के सुन्दर गायन एवं कुशल अभिनय को दर्शकों ने काफी सराहा व भूरि-भूर प्रशंसा की। 

सप्तम दिवस की रामलीला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि राजेन्द्र सिंह नयाल वरिष्ठ रंगकर्मी भारतखण्डे हिन्दुस्तानी महाविद्यालय अल्मोडा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। समिति के पदाधिकारियों ने मुख्य अतिथि को अंग वस्त्र भेंट करते हुये प्रतीक चिन्ह देकर उनका स्वागत/अभिनन्दन कियाा। मुख्य अतिथि ने रामलीला समिति की हार्दिक प्रशंसा करते हुये कहा कि समिति द्वारा ऐसे सांस्कृतिक और ऐसिहासिक कार्यक्रम निरन्तर आयोजित किये जाते रहे हैं जो वर्तमान परिवेश में अपनी लोक कला संस्कृति के उत्थान, संरक्षण एवं नयी पीढी को इससे जोडने हेतु अत्यन्त आवश्यक पहल है। उन्होंने कहा कि समाज को भगवान श्री राम के जीवन चरित्र व आदर्शो से प्रेरित होकर उनके गुणों को आत्मसात करना चाहिये।

कार्यक्रम का संचालन किरन आर्या तथा गितांजलि पाण्डे द्वारा किया गया।