रोजगार दिलाने के नाम पर युवकों से ठग डालें 62 लाख रुपये

देहरादून में जालसाजों ने खुद को सचिवालय में उच्च प्रशासनिक सरकारी पदों पर तैनात बताकर दस युवकों को अलग अलग विभागों में नौकरी लगवाने का लालच देकर 62 लाख रुपये ठग लिए।

बताया जा रहा है चार लोगों ने मिलकर इस ठगी की घटना को अंजाम दिया यहां तक की इनके द्वारा इन सभी युवकों को सचिवालय बुलाया गया, इंटरव्यू लिया गया और फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए गए। युवकों को अपने साथ हुई जालसाजी का तब पता चला जब ओट करने पर मालूम हुआ कि जिन विभागों के नियुक्ति पत्र उन्हें दिए गए है उन विभागों में भर्ती निकली ही नहीं थी।

 

आरोपियों के नाम  कमल किशोर पांडे, चेतन पांडे, ललित बिष्ट और मनोज नेगी  बताए जा रहे है और मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) के गोशाला नदी रोड निवासी मनीष कुमार की तहरीर में इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

 

मनीष ने बतया कि चेतन पांडे ने खुद को सूचना विभाग देहरादून में सूचना अधिकारी, कमल किशोर पांडेय ने खुद को प्रशासनिक अधिकारी, ललित बिष्ट ने सचिवालय में सचिव और मनोज नेगी ने खुद को अपर सचिव के पद पर तैनात बताया था। जिस कारण मनीष उनकी बातों में फस गया। अपनी, अपने भाई और परिचितों की नौकरी लगवाने के लिए मनीष ने नवंबर 2018 को सभी के शैक्षिक प्रमाण पत्र समेत अन्य औपचारिक प्रमाण पत्र और चार लाख रुपये चेतन पांडेय व कमल पांडे को दिए। इसके बाद अलग अलग समय पर इन लोगों ने कुल 58 लाख रुपयों का और भुगतान किया। इन सभी का इंटरव्यू तक करवाया गया। उसके बाद जून 2020 में इन सभी को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए गए। जब ये नियुक्ति पत्रों के साथ लोग विभागों में गए तो उन्हें अपने साथ हुए धोखे के बारें में पता चला।